Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 11:24 AM
पंजाब सरकार की तरफ से ठेकेदारी सिस्टम खत्म न करने से भड़के हजारों पल्लेदार मजदूरों ने मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के शहर में विशाल रोष मार्च किया और फिर डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के सामने धरना देते हुए एक बार मुख्यमंत्री के शहर को हिला कर रख दिया।
पटियाला (बलजिन्दर, जोसन, राणा): पंजाब सरकार की तरफ से ठेकेदारी सिस्टम खत्म न करने से भड़के हजारों पल्लेदार मजदूरों ने मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के शहर में विशाल रोष मार्च किया और फिर डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के सामने धरना देते हुए एक बार मुख्यमंत्री के शहर को हिला कर रख दिया।
दूसरी तरफ यूनियन नेताओं ने साफ तौर पर घोषणा की कि यदि सरकार ने उनकी मांगें न मानीं तो इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा और अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरा जाएगा। धरने के बाद एस.पी. सिटी केसर सिंह, डी.एस.पी. सुखअमृत सिंह रंधावा, डी.एस.पी. सिटी-1 सौरव जिंदल यूनियन के नेताओं के साथ बात करके एक वफद को मुख्यमंत्री निवास न्यू मोती महल ले गए, जहां मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. और पी.सी.एस. अधिकारी राजेश शर्मा के साथ मुलाकात की। यहां राजेश शर्मा ने 2 दिन का समय लिया क्योंकि पूर्व विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर शहर से बाहर हैं, लिहाजा उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस मामले में बैठक करके इस का हल निकाला जाएगा।
इससे पहले पंजाब पल्लेदार संघर्ष समिति पंजाब की तरफ से प्रदेश स्तरीय रोष रैली मिनी सचिवालय पटियाला में की गई। अधिकारियों ने धरने दौरान बताया कि 9 सितम्बर 2016 को जब पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह पंजाब कांग्रेस के प्रधान थे, तब कॉफी विद कैप्टन एडीशन पल्लेदार प्रोग्राम संगरूर की अनाज मंडी में हजारों पल्लेदारों की मौजूदगी में कै. अमरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री ने वायदा किया था कि विधान सभा साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आते ही और उनके मुख्यमंत्री बनते ही समूह पल्लेदार यूनियन से फूड एजैंसियों में से ठेकेदारी सिस्टम खत्म करके इन फूड एजैंसियों में काम करते पल्लेदारों को इनकी बनती मेहनत इनको ठेकेदारों से मुक्त करवा कर सीधे तौर पर पल्लेदार यूनियन के वर्करों को देंगे परन्तु कैप्टन की तरफ से मुख्यमंत्री का पद संभाले तकरीबन एक साल का समय बीत चुका है। इस दौरान मुख्यमंत्री की तरफ से पल्लेदार यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ मिलने तक का समय नहीं दिया गया।
हालांकि कई बार मनप्रीत बादल के साथ इस विषय पर मीटिंगें भी हुईं परन्तु पंजाब फूड एजैंसियों के फूड सचिव के.पी. सिन्हा की तरफ से ठेकेदारी सिस्टम न खत्म होने वाली बात कह कर टाल-मटोल किया गया है। नेताओं ने कहा कि पल्लेदार यूनियनों से क्यों ठेकेदारी सिस्टम खत्म नहीं हो सकता। उन्होंने सरकार से मांग की कि जो हमारे साथ कै. अमरेंद्र सिंह ने वायदा किया था, उसे पूरा किया जाए। यदि किसानों का कर्ज माफ किया जा सकता है तो पल्लेदारों से ठेकेदारी सिस्टम खत्म क्यों नहीं किया जा सकता। इस बात पीछे सिर्फ और सिर्फ अफसरशाही की ही ठेकेदारों के साथ मिलीभुगत है।