पावरकॉम ने रचा इतिहास: 1002 करोड़ रुपए की बिजली दूसरे राज्यों को बेची

Edited By Vatika,Updated: 21 Dec, 2018 11:03 AM

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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व मे पंजाब स्टेट पॉवर निगम लिमिटेड ने बिजली के क्षेत्र में नई प्राप्तियां और कई नए मील पत्थर स्थापित किए हैं। पंजाब स्टेट पावर निगम लिमिटेड ने इतिहास में पहली बार वर्ष 2018 वित्तीय वर्ष में 1002 करोड़ रुपए...

पटियाला(जोसन): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व मे पंजाब स्टेट पॉवर निगम लिमिटेड ने बिजली के क्षेत्र में नई प्राप्तियां और कई नए मील पत्थर स्थापित किए हैं। पंजाब स्टेट पावर निगम लिमिटेड ने इतिहास में पहली बार वर्ष 2018 वित्तीय वर्ष में 1002 करोड़ रुपए की बिजली दूसरे रा’यों को बेच कर नया मील पत्थर स्थापित किया है। यह जानकारी गुरप्रीत सिंह कांगड़ बिजली मंत्री ने दी।
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उन्होंने बताया कि पंजाब स्टेट पावर निगम लिमिटेड को देशभर की सभी बिजली इकाइयों में से डिजीटल तरीके के साथ अदायगियों संबंधी पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इस संबंधी भारत सरकार के ऊर्जा पोर्टल पर इस संबंधी प्राप्ति अपलोड की गई है। यह पंजाब के लिए बहुत बड़े मान की बात है कि देश के 20 टाऊनों में से पंजाब के सब-टाऊनों को इसके लिए चुना गया है। पंजाब स्टेट पावर निगम लिमिटेड के पटियाला स्थित टैक्नीकल प्रशिक्षण इंस्टी‘यूट को एक श्रेणी में थर्मल हाईड्रो, ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन और पावर मैनेजमैंट के लिए भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से मान्यता दी गई है। उन्होंने बताया पंजाब स्टेट पावर निगम लिमिटेड बिजली बेच के लिए सितम्बर और अक्तूबर 2018 दौरान पंजाब इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में पहले नंबर पर रहा। सितम्बर 2018 दरमियान 744 मिलियन यूनिट 5.73 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब के साथ 426 करोड़ की बिजली बेची गई जबकि अक्तूबर 2018 दरमियान 5.87 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब के साथ 652.6 मिलियन यूनिट 382 करोड़ की बिजली बेची गई। 30 सितम्बर 2018 को 271 मिलियन यूनिट बिजली बेची गई। इसके अलावा पंजाब स्टेट पावर निगम लिमिटेड ने 104 मिलियन यूनिट (4330 मैगावाट) बिजली बेची जोकि एक दिन में सबसे अधिक थी।
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उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018 दौरान एवरेज 5.41 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब के साथ 1849 मिलियन यूनिट मानी गई, जिसके साथ वित्तीय वर्ष 2018-19 में 400 करोड़ रुपए की बचत होगी। उन्होंने बताया कि पंजाब और फालतू रेट पर शिखर समय दौरान बिजली बेचेगा। कांगड़ ने बताया कि पंजाब में पैडी सीजन से बिना 8 महीनों में फालतू बिजली होती है। जून और सितम्बर के अलावा बाकी महीनों में बिजली की स्थिति बहुत ही अलग होती है। पैडी सीजन दौरान पंजाब स्टेट पावर निगम लिमिटेड की तरफ से अपने और दूसरे स्रोतों, जिनके साथ बिजली खरीद सम्बन्धित समझौते किए होते हैं, के साथ बिजली की पूर्ति की जाती है। उन्होंने बताया कि गर्मी और पैडी सीजन दौरान 12,600 मैगावाट बिजली की मांग हो गई थी। इसके अलावा बाकी 8 महीनों में अधिक से अधिक बिजली की मांग 5000 से 6000 मैगावाट जबकि रात समय पर 3000 से 3500 मैगावाट मांग हो जाती है। बिजली मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने पंजाब स्टेट पावर निगम लिमिटेड के सी.एम.डी. इंजी. बी.एस. सरां और बाकी डायरैक्टरों व अफसरों की इन प्राप्तियों के लिए प्रशंसा की है। उन्होंने बताया कि 10 जुलाई 2018 को बिजली की ऐतिहासिक अधिक से अधिक मांग 12,638 मैगावाट थी जबकि 11 जुलाई 2017 को यह मांग 11,705 मैगावाट थी। पंजाब स्टेट पावर निगम लिमिटेड ने 2749 लाख यूनिट बिजली सप्लाई करके अपना नया रिकार्ड स्थापित किया था। कांगड़ ने बताया कि पंजाब में अ‘छी बारिश होने के कारण पंजाब को पैडी सीजन दौरान कोई शॉर्ट-टर्म के द्वारा बिजली की खरीद नहीं करनी पड़ी। इसके अलावा पंजाब स्टेट पावर निगम लिमिटेड ने पावर एक्सचेंज के द्वारा जून से सितम्बर 2018 दरमियान 449 करोड़ की बिजली बेची।

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