हरदेव मर्डर केसःपुत्र से भी अधिक जिस पर विश्वास किया, उसने ही उतारा मौत के घाट

Edited By swetha,Updated: 10 Jan, 2019 11:10 AM

police solve murder case

31 दिसम्बर को घर में से स्कूटी सहित लापता हुए रिटायर्ड फौजी हरदेव लाल के कत्ल की गुत्थी को पटियाला पुलिस ने सुलझा दिया है। पुलिस की मानें तो हरदेव लाल का कत्ल किसी और ने नहीं बल्कि आशीष चौहान उर्फ आशु निवासी जय जवान कालोनी पटियाला नाम के उस व्यक्ति...

पटियाला(बलजिन्द्र): 31 दिसम्बर को घर में से स्कूटी सहित लापता हुए रिटायर्ड फौजी हरदेव लाल के कत्ल की गुत्थी को पटियाला पुलिस ने सुलझा दिया है। पुलिस की मानें तो हरदेव लाल का कत्ल किसी और ने नहीं बल्कि आशीष चौहान उर्फ आशु निवासी जय जवान कालोनी पटियाला नाम के उस व्यक्ति ने किया, जिस पर वह अपने पुत्र राकेश से भी ज्यादा विश्वास करता था।

पुलिस ने आशु को इस मामले में गिरफ्तार करके उसके खून से सने कपड़े और जिस पत्थर के साथ सिर पर वार किए गए वह बरामद कर लिया है, जबकि स्कूटी की तलाश अभी जारी है। पुलिस की जांच में सामने आया कि हरदेव लाल अपने अकेले पुत्र रकेश कुमार से ज़्यादा विश्वास आशीष चौहान पर करता था। यही कारण था कि अपने बैंक अकाऊंट में से पैसे उसके बैंक अकाऊंट में ट्रांसफर करवा देता था और उसी आशीष चौहान ने सिर में पत्थर मार कर हरदेव लाल का कत्ल कर दिया।

इस संबंधी डी.एस.पी. सिटी-1 योगेश शर्मा ने बताया कि 1 जनवरी 2019 को हरदेव लाल की पत्नी माया देवी ने माडल टाऊन चौकी की पुलिस को सूचना दी थी कि उसका पति हरदेव लाल (72) 31 दिसम्बर को अपनी स्कूटी पर घर से गए और गुम हो गए। पुलिस ने इस मामले में 346 आई.पी.सी. (गैर-कानूनी तौर पर हिरासत में रखने) का केस दर्ज किया और 6 जनवरी को हरदेव लाल की खनोरी हैड से लाश बरामद हो गई और उस के शरीर पर कुछ चोटों के निशान थे। केस को 302 आई.पी.सी. में बदल कर इसकी जांच के लिए एस.एस.पी. मनदीप सिंह सिद्धू और एस.पी. सिटी केसर सिंह के निर्देशों पर स्पैशल इन्वैस्टिगेशन टीम का गठन किया गया। इस टीम में माडल टाऊन चौकी के इंचार्ज एस.आई. गुरदीप सिंह के नेतृत्व में एस.आई. मेवा सिंह, ए.एस.आई. जगवंत सिंह, हवलदार भगवंत सिंह, हवलदार बलकार सिंह और सिपाही वरिंदर सिंह शामिल थे। 

ये है मामला
प्रात:काल 7:40 बजे हरदेव लाल अपनी स्कूटी लेकर घर से से कह कर गया कि खरीदे मकान की रजिस्ट्री करवाने के लिए आशीष चौहान से 14 लाख रुपए लेने जा रहा है। इसके बाद हरदेव लाल घर नहीं आया। पुलिस के मुताबिक हरदेव लाल और उसकी पत्नी माया देवी को जो रिटायरमैंट के पैसे मिले थे। उन सभी पैसों को आशीष चौहान बारी-बारी अपने अकाऊंट में डलवाता रहा। इन पैसों में से कुछ पैसे निकलवा कर मृतक के परिवार को देता रहा और बाकी आप निकालता रहा। हरदेव लाल ने बडुंगर में लिए एक मकान की रजिस्ट्री करवानी थी और इसके लिए वह अपनी पत्नी माया देवी की रिटायरमैंट के करीब 14 लाख रुपए का हिसाब आशीष चौहान से मांगता था, जिसका आशीष चौहान हिसाब नहीं दे रहा था। 

ऐसे दिया वारदात को अंजाम
एस.आई. गुरदीप सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने जब गहराई से मामले की जांच की तो सभी तथ्य सामने आने के बाद आशीष चौहान को गिरफ्तार करके उससे पूछताछ की तो आशीष चौहान ने माना कि 31 दिसम्बर को उसने हरदेव लाल के सिर में पत्थर मार कर उसे घायल कर दिया और फिर हरदेव व उसकी स्कूटी को भारत कालोनी के पास भाखड़ा नहर में फैंक दिया। डी.एस.पी. सिटी-1 योगेश शर्मा के मुताबिक आशीष चौहान ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और आशीष चौहान की निशानदेही पर हरदेव लाल के सिर में मारा पत्थर, माया देवी और हरदेव लाल की बैंक की पासबुकें और खून लगी कोटी बरामद कर ली गई तथा स्कूटी की तलाश अभी जारी है।  इस मौके थाना सिविल लाइन के एस.एच.ओ. इंस्पैक्टर जङ्क्षतदर सिंह, माडल टाऊन चौकी के इंचार्ज गुरदीप सिंह भी उपस्थित थे। 
  

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