Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 May, 2018 10:09 AM
सन 1992 से लेकर जेल ब्रेक कांड 2016 तक हमेशा विवादों में घिरी रही उच्च सुरक्षा प्राप्त नाभा जेल में 27 साल पहले आतंकवाद के समय जब 2 आतंकी जेल ब्रेक का प्रयत्न कर रहे थे तो बी.एस.एफ. ने उनको मार गिराया था था। उसके बाद खुफिया एजैंसियां और गृह मंत्रालय...
नाभा (जैन): सन 1992 से लेकर जेल ब्रेक कांड 2016 तक हमेशा विवादों में घिरी रही उच्च सुरक्षा प्राप्त नाभा जेल में 27 साल पहले आतंकवाद के समय जब 2 आतंकी जेल ब्रेक का प्रयत्न कर रहे थे तो बी.एस.एफ. ने उनको मार गिराया था था। उसके बाद खुफिया एजैंसियां और गृह मंत्रालय ने कभी भी जेल की सुरक्षा को गंभीरता के साथ नहीं लिया।
21 सितम्बर 2006 को पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मिर्धा के भतीजे को अगवा और पूर्व कैबिनेट मंत्री मनिंदरजीत सिंह बिट्टा पर कातिलाना हमला की साजिश रचने वाले दया सिह लाहौरिया से जेल में मोबाइल, बैटरी और सिम मिले। फिर 3 नवंबर 2006 को 100 कमांडोज की चैकिंग दौरान मोबाइल, नशीले पदार्थ मिले। कुछ माह बाद फिर छापामारी हुई तो 14 मोबाइल, 6 बैटरियां, 12 सिम कार्ड, सुल्फा-अफीम और 58 हजार रुपए बरामद किए गए थे। लगभग 10-11 साल जेल की सुरक्षा ईश्वर भरोसे ही रही जबकि खतरनाक महिला आतंकी रोशनी और पाकिस्तानी जासूस सईद इकबाल इस जेल में बंद रहा तो गृह मंत्रालय ने कोई गिनरानी नहीं की। जेल में ऐसे अधिकारी तैनात होते रहे जिनके कथित संबंध खराब अक्स वाले राजनीतिज्ञों के साथ रहे।
23 साल पहले आतंकवाद दौरान इस जेल में ही विशेष टाडा कोर्ट लगती थी। संत हरचंद सिंह लोंगोवाल कत्ल कांड की सुनवाई इस जेल में हुई तो एक दोषी ज्ञान सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई थी जो बाद में बरी हो गया। 29 मार्च 2016 को हवालाती पलविंदर पिंदा हथकडियों सहित सिविल अस्पताल कॉम्पलैक्स में से भाग गया फिर 27 नवंबर 2016 को जेल ब्रेक हुई। जैमर के बावजूद पिछले साढ़े 11 सालों दौरान 360 से अधिक मोबाइल बरामद हुए परन्तु जांच दौरान कोई भी कार्रवाई नहीं हुई ।
इस समय इस जेल में एक दर्जन आतंकवादियों, एक दर्जन गैंगस्टरों, ब्रिटिश नागरिक जगतार जग्गी जोहल, कुलजीत नीटा दयोल, अमरीक सिंह मराडो समेत 204 कैदी/हवालाती बंद हैं परन्तु सरकार अभी तक जैमर को 4-जी अपडेट नहीं कर सकी। जेल ब्रेक कांड से पहले पिंदा और विक्की गौंडर के बीच गैंगस्टर 4-जी का प्रयोग करके स्काइप पर बात करते थे। लगभग 18 महीनों बाद भी चारदीवारी की मुरम्मत नहीं करवाई गई। स्टाफ में केवल 30 नए जवानों की भर्ती 2 माह पहले हुई है।सुपरिटैंडैंट कुलवंत सिंह का कहना है कि जेल के प्रबंधों में सुधार, चारदीवारी की मुरम्मत और 4 जी नैट अपडेट के लिए जेल मंत्री और होम सैक्रेटरी के बीच मीटिंग हुई है। अब जेल कॉम्पलैक्स में सख्ती कारण मोबाइल इस्तेमाल नहीं होते। मेरे से पहले हुआ या क्या होता रहा बारे मैं कुछ नहीं कह सकता परन्तु अब सरकार, जेल विभाग और मैं (सुपरिंटैंडैंट) चौकसी प्रबंधों के लिए गंभीर हूं।