Edited By swetha,Updated: 21 Jan, 2019 09:58 AM
मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के पुश्तैनी शहर पटियाला को कर्मचारियों के धरनों ने चारों तरफ से घेरकर रखा और हर तरफ से आते सरकार विरोधी नारों ने शाही शहर को गुंजा कर रख दिया। पूरा दिन हजारों कर्मचारियों के कारण पुलिस और प्रशासन में भगदड़ मची रही।
पटियाला(जोसन, बलजिन्द्र): मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के पुश्तैनी शहर पटियाला को कर्मचारियों के धरनों ने चारों तरफ से घेरकर रखा और हर तरफ से आते सरकार विरोधी नारों ने शाही शहर को गुंजा कर रख दिया। पूरा दिन हजारों कर्मचारियों के कारण पुलिस और प्रशासन में भगदड़ मची रही।
शहर में रोष मार्च करने के बाद फव्वारा चौक नजदीक माल रोड पर इकट्ठे हुए मिड-डे मील कुक वर्करों, जंगलात वर्करों, आशा वर्करों, कच्चे और ठेका आधारित कर्मचारियों के विशाल धरने को संबोधित करते प्रवक्ताओं ने कहा कि चुनावों से पहले मान भत्ता, कच्चे व कांट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ बड़े वायदे करने वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा 2 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी सुध न लेने से कर्मचारी पूरी तरह खफा हैं। नेताओं ने बताया कि सरकार ने इन विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों के साथ एक भी वायदा पूरा नहीं किया। इस कारण ये कर्मचारी सरकार का पिट स्यापा कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने बड़े-बड़े वायदे किए थे, जोकि पूरे नहीं किए। नेताओं ने यू.टी. तथा पंजाब कर्मचारी व पैंशनर्ज संघर्ष कमेटी द्वारा 30 जनवरी को जिला स्तर पर किए जाने वाले अर्थी फूंक प्रदर्शनों तथा फरवरी माह में बजट सैशन दौरान पंजाब विधान सभा का घेराव करने के दिए आह्वान तहत भव्य शिरकत करने का ऐलान भी किया।
संघर्ष दौरान उठाई कर्मचारियों की मांगें
नेताओं ने कहा कि मान भत्ते पर कार्य कर रही आशा वर्करों, मिड-डे-मील वर्करों, सफाई वर्करों तथा मिड-डे-मील वर्करों, सफाई वर्करों और आंगनबाड़ी हैल्परों को कम से कम उजरतों के कानून मुताबिक 8857 रुपए वेतन दिलवाएं, आशा फैसीलीटेटरों तथा आंगनबाड़ी वर्करों को पूरे वेतन स्केल में रैगुलर करवाएं, जंगलात वर्करों, शिक्षा विभाग के मिड-डे-मील मैनेजरों, हर प्रकार के कच्चे-कांट्रैक्ट अध्यापकों व अन्य विभागों के कज्जे और कांट्रैक्ट कर्मचारियों को पूरे स्केलों पर रैगुलर करवाएं, एस.एस.ए./रमसा अध्यापकों की, की गई वेतन कटौती रद्द करके पूरे वेतन पर रैगुलर करने के लिए तथा संघर्ष दौरान उनकी बर्खास्तगी, सस्पैंड व बदलियां रद्द करवाएं, मिड-डे-मील वर्करों को 10 महीने की बजाय 12 महीने का वेतन दिलवाने के लिए पंजाब सरकार के खिलाफ बड़े और तीव्र संघर्ष किए जाएंगे।