लिफ्टिंग धीमी, मंडियों में लगे गेहूं के अंबार

Edited By swetha,Updated: 23 Apr, 2018 12:30 PM

lifting slower wheat flour in mandis

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के जिले की मंडियों में गेहूं के अंबार लग चुके हैं और सरकार से इस बार लिङ्क्षफ्टग का काम संभल नहीं रहा। जिले में मंडियों में 35 फीसदी ही लिफ्टिंग हो पाई है।

पटियाला(बलजिन्द्र): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के जिले की मंडियों में गेहूं के अंबार लग चुके हैं और सरकार से इस बार लिङ्क्षफ्टग का काम संभल नहीं रहा। जिले में मंडियों में 35 फीसदी ही लिफ्टिंग हो पाई है।

सरकारी आंकड़ों के हिसाब से अभी तक जिले की मंडियों में 7,87,743 मीट्रिक टन गेहूं जिले की मंडियों में आया, उसमें से 7,73,210 मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है। इनमें से अभी तक सिर्फ 3.20 लाख मीट्रिक टन गेहूं ही मंडियों में से लिफ्ट हो पाया है। लिफ्टिंग ढीली होने के चलते मंडियों में गेहूं के अंबार लग चुके हैं। हालांकि खरीद का 75 फीसदी काम खत्म भी हो चुका है, पर लिङ्क्षफ्टग न होने के कारण आढ़तियों की चिंता बढ़ती जा रही है।

आढ़तियों ने किया रोष प्रदर्शन

धीमी लिफ्टिंग को लेकर आढ़ती एसोसिएशन नई अनाज मंडी के अध्यक्ष हरजीत सिंह शेरू के नेतृत्व में धीमी लिङ्क्षफ्टग को लेकर रोष प्रदर्शन किया गया। प्रधान शेरू ने बताया कि जहां प्रबंधों के चलते लिफ्टिंग में देरी हो रही है, वहीं एफ.सी.आई. के गोदामों में गेहूं जा रही है, वहां गेहूं की अनलोडिंग सही समय पर नहीं की जा रही। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां एफ.सी.आई. के पास एक धर्मकंडा है, जोकि काफी पुराना है। इस कंडे पर बड़े ट्रक (घोड़े) की तुलाई नहीं हो सकती, जिस कारण लिफ्टिंग में काफी देरी हो रही है। क्योंकि जहां छोटा ट्रक 300 बोरी एक बार में लेकर जाता है, वहीं बड़ा ट्रक एक बार में 500 बोरियां ले जाता है। उन्होंने बताया कि लिफ्टिंग तेज करने की आवश्यकता है। प्रधान शेरू ने बताया कि लिङ्क्षफ्टग का काम ढीला होने के कारण किसानों और आढ़तियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लिफ्टिंग देरी से होने के कारण गेहूं का वजन भी कम हो जाता है और उसकी काट आढ़तियों को लग जाती है।

ट्रक यूनियनों का बायकाट भी बन रहा है बड़ा कारण
ट्रक यूनियनों को तोडऩे के बाद इस बार रेट को लेकर सरकार और यूनियनों में सहमति नहीं बन सकी और पूरे प्रदेश में ट्रक यूनियनों ने इस बार लिफ्टिंग का बायकाट कर रखा है। इस कारण भी प्रशासन को काफी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। हालांकि कुछ पार्टियों ने सैलरों के ट्रक व ट्रॉलियों के जरिए लिफ्टिंग का काम चलाया है, पर एकदम इतनी बड़ी संख्या में लिङ्क्षफ्टग का काम सही तरीके से करना आसान नहीं होगा।

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