16 साल बाद किसानों को 90 एकड़ जमीन होगी वापस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 May, 2018 12:45 PM

farmer property

मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के पिछले कार्यकाल दौरान ओमैक्स सिटी के लिए 336 एकड़ जमीन देने वाले किसानों को 16 साल बाद 90 एकड़ जमीन वापस मिलने जा रही है। पंजाब सरकार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कैबिनेट में यह प्रस्ताव पास करके माननीय...

पटियाला (राजेश/ बलजिन्द्र): मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के पिछले कार्यकाल दौरान ओमैक्स सिटी के लिए 336 एकड़ जमीन देने वाले किसानों को 16 साल बाद 90 एकड़ जमीन वापस मिलने जा रही है। पंजाब सरकार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कैबिनेट में यह प्रस्ताव पास करके माननीय अदालत को इस बारे एफीडेविट फाइल करके सूचित भी कर दिया है, क्योंकि कोर्ट की तरफ से 18 अप्रैल को पंजाब सरकार के सामने 2 विकल्प रखे थे।एक किसानों को 1.75 करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब के साथ मुआवजा दिया जाए या फिर उन को खाली पड़ी जमीन वापस कर दी जाए। पटियाला डिवैल्पमैंट अथॉरिटी ने लंबी सोच के बाद सरकार आगे यह सुझाव रखा कि 1.75 करोड़ प्रति एकड़ देने की बजाय किसानों को खाली पड़ी 90 एकड़ जमीन ही वापस कर दी जाए। पी.डी.ए. के इस फैसले को पंजाब सरकार ने पिछले सप्ताह हुई कैबिनेट की मीटिंग में पास कर दिया। 

यह है मामला
वर्ष 2003 में जब प्रदेश में मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की सरकार थी तो पटियाला के विकास के लिए पटियाला डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (पी.डी.ए.) का गठन किया गया। पी.डी.ए. ने 2003 में सरङ्क्षहद रोड पर किसानों की 336 एकड़ जमीन एक्वायर करके उनको मुआवजे के 27 करोड़ रुपए दिए। इसके बाद सरकार ने टैंडर के जरिए एक टाऊनशिप बनाने के लिए 109 करोड़ रुपए में इस जगह को ओमैक्स को बेच दिया जोकि पी.डी.ए. और ओमैक्स का ज्वाइंट वैंचर बन गया।इसमें कुल रैवेन्यू का 85 प्रतिशत हिस्सा ओमैक्स का था और 15 प्रतिशत हिस्सा पी.डी.ए. का। ओमैक्स की तरफ से फरवरी 2008 में प्लाट होल्डरों को प्लाट अलाट किए गए और फरवरी 2010 तक उनको पूरी तरह विकसित करके पोजीशनें देने का वायदा किया गया।

इस दौरान ओमैक्स अपना वायदा पूरा न कर सकी और न ही आई.टी. सिटी बनाया गया। इसके बाद जुलाई 2011 में कुछ किसान हाईकोर्ट चले गए और वहां से स्टे ले आए। इसी बीच कुछ किसानों की तरफ से और मुआवजा लेने के लिए लोअर कोर्ट में केस फाइल किया गया था, जहां लोअर कोर्ट ने किसानों को 27 करोड़ रुपए और मुआवजा देने का फैसला दिया। जो किसान हाईकोर्ट में गए थे, उनको सितम्बर 2013 में स्टे मिल गई, जिसके खिलाफ पी.डी.ए. सुप्रीम कोर्ट में गई और मार्च 2016 में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसला किया गया कि किसानों को 900 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए, जिसके 55 करोड़ रुपए पहले जमा करवाने के लिए कहा गया। पी.डी.ए. ने यह 55 करोड़ रुपए प्लाट होल्डरों पर डाल कर जून 2017 में वह पैसे जमा करवा दिए। इसके बाद माननीय अदालत ने सरकार के आगे 2 विकल्प रख दिए। कोर्ट में 130 के लगभग किसान गए थे, जिन्हें यह जमीन वापस की जाएगी। 

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