जिले के किसानों के लिए एक और मुसीबत: एजैंसियों ने पूरा दिन रखा गेहूं की खरीद का बायकाट

Edited By Vatika,Updated: 19 Apr, 2019 12:23 PM

farmer patiala

इस बार मुसीबत किसानों का पीछा छोडऩे का नाम नहीं ले रही। 2 दिन हुई भारी बारिश के बाद जैसे ही मौसम साफ हुआ तो खरीद एजैंसियों ने जिला भर में वीरवार गेहूं की खरीद का बायकाट रखा। कोई भी इंस्पैक्टर या खरीद अधिकारी मंडियों तक ही नहीं पहुंचा।

पटियाला (बलजिन्द्र): इस बार मुसीबत किसानों का पीछा छोडऩे का नाम नहीं ले रही। 2 दिन हुई भारी बारिश के बाद जैसे ही मौसम साफ हुआ तो खरीद एजैंसियों ने जिला भर में वीरवार गेहूं की खरीद का बायकाट रखा। कोई भी इंस्पैक्टर या खरीद अधिकारी मंडियों तक ही नहीं पहुंचा।

पहले तो किसानों और आढ़तियों को खरीद एजैंसियों के अघोषित बायकाट की भनक नहीं लगी परन्तु जैसे-जैसे किसानों और आढ़तियों ने खरीद एजैंसियों के प्रतिनिधियों के साथ बात की तो उन्होंने गेहूं में अधिक नमी होने की बात कह कर खरीद करने से मना कर दिया। हालांकि जब आढ़तियों और किसानों ने तर्क दिया कि यह बारिश से पहले की काटी हुई गेहूं है और शैडों व तिरपालों के नीचे पड़ी हुई थी तो उसकी किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। इस को लेकर पूरे जिले में गेहूं की खरीद को लेकर हाहाकार वाला माहौल बन गया है, परन्तु जिला प्रशासन सुनने का नाम नहीं ले रहा। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का अपना जिला होने के बावजूद भी किसानों और आढ़तियों की कोई सुनवाई करने के लिए तैयार नहीं है। 

एक सप्ताह से ज्यादा समय से मंडियों में बैठे हैं किसान
सरकार की तरफ से जो 24 घंटों में गेहूं की खरीद के दावे किए गए थे, वे सबसे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के जिला में ही हवा हो गए हैं। जिला की मंडियों और खरीद केन्द्रों में बड़ी संख्या में किसान एक सप्ताह से ज़्यादा समय से परेशान हो रह रहे हैं और उन की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। मौसम खराब होने से पहले 4-4 दिनों से किसान मंडियों में बैठे हुए हैं और खरीद एजैंसियों की तरफ से खरीद में किसी तरह की कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है। 

अधिक नमी का बनाया बहाना
खरीद एजैंसियों द्वारा गेहूं गीली होने और अधिक नमी का बहाना बनाया गया है। जबकि सच्चाई यह है कि काफी गेहूं बारिश से पहले मंडियों में पहुंची हुई है और बारिश के दौरान भी गेहूं शैड के नीचे या फिर तिरपालों के साथ ढकी हुई थी। जहां तक बारिश का सवाल है कि जमीन गीली होने के कारण आज एक भी दाना सीधा खेतों में से नहीं पहुंचा परन्तु खरीद एजैंसियों की तरफ से मौसम का बहाना बना कर पूरा दिन खरीद करनी तो दूर खरीद करने बारे सोचा तक भी नहीं। 

एक सप्ताह से ज्यादा से पड़ी गेहूं में भी नमी किस तरह हो सकती है : प्रधान शेरू
आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरजीत सिंह शेरू ने कहा कि एक सप्ताह से ज्यादा समय से मंडियों में पड़ी गेहूं मेंं भी नमी की मात्रा किस तरह बढ़ी हो सकती है। खरीद एजैंसियों को जमीनी हकीकत समझने की जरूरत है। नमी का बहाना सिर्फ खरीद टालने के लिए बनाया। जबकि उनकी तरफ से शैलर मालिकों से नमी मीटर लगा देखा गया है जिसमें नमी 12 से कम आ रही है। 

खरीद एजैंसियों को किसानों और आढ़तियों के साथ सहयोग करना चाहिए : जिला प्रधान राणा
आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान जसविंदर सिंह राणा ने कहा कि ऐसे संकट के समय खरीद एजैंसियों को बहाने बनाने की बजाए किसानों और अढ़तियों का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज दिन भर खरीद का अघोषित बायकाट रखना काफी ज़्यादा निंदनीय है। उन्होंने किसान वीरों से अपील की कि वे बारिश के बाद संयम के साथ गेहूं की कटाई करें। 

कोई बायकाट नहीं रखा, शुक्रवार से होगी नियमित खरीद : डी.एफ.एस.सी.
जिला खुराक और सिविल सप्लाई कंट्रोलर हरशरनजीत सिंह बराड़ ने बायकाट की बात को अफवाह बताया और कहा कि किसी तरह का कोई बायकाट नहीं किया गया। नमी को लेकर खरीद धीमी हो सकती है और शुक्रवार से नियमित खरीद होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को खरीद के मामले में कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। 

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