Edited By Vatika,Updated: 26 Dec, 2018 11:42 AM
पूरे उत्तर भारत की तरह शाही शहर भी शीत लहर की चपेट में आ गया है। पहाड़ों पर हुई जबरदस्त बर्फबारी कारण पटियाला का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सैल्सियस तक पहुंच गया है। हालात ये हैं कि जहां एक तरफ लोगों को ठंड से बचने के लिए प्रयत्न करने पड़ रहे हैं, वहीं...
पटियाला(बलजिन्द्र, राणा): पूरे उत्तर भारत की तरह शाही शहर भी शीत लहर की चपेट में आ गया है। पहाड़ों पर हुई जबरदस्त बर्फबारी कारण पटियाला का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सैल्सियस तक पहुंच गया है। हालात ये हैं कि जहां एक तरफ लोगों को ठंड से बचने के लिए प्रयत्न करने पड़ रहे हैं, वहीं प्रदूषण की मार भी सहन करनी पड़ रही है। ज्यादा ठंड के कारण धुआं बहुत ज्यादा ऊपर नहीं जा रहा। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से निर्धारित किए गए स्तर को माना जाए तो पटियाला में इस समय एयर क्वालिटी इंडैक्स पुअर जोन में आ गया है। सुबह-शाम जबरदस्त धुंध और कोहरे ने बसों और ट्रेनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दी है। छुट्टी होने के कारण आज ज्यादातर शहर की सड़कों पर ट्रैफिक दिखाई नहीं दिया।
प्रदूषण की भी पड़ी मार
ठंड के साथ पटियालवियों को प्रदूषण की मार भी सहन करनी पड़ रही है। तापमान घटने के कारण धुआं ऊपर नहीं जा रहा और प्रदूषण का स्तर अक्तूबर-नवम्बर के मुकाबले ज्यादा बढ़ गया है। शहर में आई.आई.टी. दिल्ली की तरफ से प्रदूषण मापने के लिए 2 जगह पर लगाए यंत्रों से सामने आया है कि शहर के बाहरी इलाकों में एयर क्वालिटी इंडैक्स 238 तक पहुंच गया है जबकि अंदरूनी शहर का एयर क्वालिटी इंडैक्स 224 है। अचानक इतना प्रदूषण बढऩा गंभीर विषय है।
बसों और ट्रेनों की रफ्तार पर लगी ब्रेक
कोहरे ने बसों और ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी है। जहां बस सॢवस आम की अपेक्षा धीरे चली, वहीं पटियाला आने-जाने वाली ट्रेनें भी देरी से चलीं। रेल विभाग के रिकार्ड अनुसार अम्बाला कैंट-धूरी पैसेंजर 20 मिनट लेट, श्रीगंगानगर-अम्बाला कैंट 41 मिनट लेट, दिल्ली फाजिल्का-इंटरसिटी 1 घंटा 52 मिनट लेट और हरिद्वार-श्रीगंगानगर 2 घंटे 22 मिनट लेट रही। इसी तरह बस सर्विस भी काफी धीरे चली क्योंकि धुंध के कारण सुबह और शाम को विजीबिलिटी काफी घट गई है।
विशेषज्ञों ने दी सुबह की सैर न करने की सलाह
बढ़ी ठंड और प्रदूषण के कारण विशेषज्ञों ने सुबह की सैर कुछ दिन के लिए न करने की सलाह दी। बच्चों के रोगों के विशेषज्ञ डा. राजीव टंडन ने बताया कि शीत लहर के कारण बच्चों को ठंड से बचाकर रखना बहुत जरूरी है क्योंकि सबसे ज्यादा ठंड की मार बुजुर्गों और बच्चों पर ही पड़ती है। उन्होंने कहा कि ज्यादा ठंड के कारण प्रदूषण का स्तर भी काफी बढ़ा हुआ है जिससे सुबह की सैर कुछ दिन के लिए रोक देनी चाहिए।