कैप्टन की कर्ज माफी किसानों के लिए बनने लगी वरदान

Edited By Anjna,Updated: 15 Jun, 2018 08:32 PM

captain debt waiver becomes a boon for farmers

‘पहले नोटबंदी, फिर महंगाई और अब डीजल व खादों के लगातार बेरोक-टोक बढ़ते जाते भाव समेत फसलों के वाजिब मूल्य न मिलने कारण कर्ज ने तो हमारी कमर ही तोड़ दी थी।

पटियाला (जोसन) : ‘पहले नोटबंदी, फिर महंगाई और अब डीजल व खादों के लगातार बेरोक-टोक बढ़ते जाते भाव समेत फसलों के वाजिब मूल्य न मिलने कारण कर्ज ने तो हमारी कमर ही तोड़ दी थी। किसी ओर से कोई आशा की किरण नजर नहीं आ रही थी और दिल करता था कि गले में फंदा डाल कर काम ही निपटा दिया जाए, परन्तु जब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने दो-दो लाख के कर्ज माफ करने का वायदा किया तो जीने की आशा फिर जग गई।’ यह कहना है पटियाला जिले के गांव गगरोला (सनौर) के छोटे किसान जसपाल सिंह का।

पंजाब सरकार की किसान कर्ज माफी स्कीम का पूरा लाभ लेने वाला यह किसान, अपने जैसे 3 अन्य साथी किसानों समेत यहां माल रोड पर स्थित केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड पटियाला में बैंक अधिकारियों का धन्यवाद करने पहुंचा हुआ था। 2 लड़कियों के पिता किसान जसपाल सिंह का कहना था कि ‘उस के पास भी 6 एकड़ जमीन थी, परंतु बुरे हालात, घरेलू जरूरतों और मजबूरियों के कारण यह बिक कर 2 एकड़ तक सिमट गई परन्तु कर्ज की गठरी बढ़कर 2 लाख रुपए हो गई।

अब 2 एकड़ का ठेका केवल 80 हजार और कर्ज वापसी की कोई आशा न रही और मैं इस जहां से कूच करने की सोचने लगा।’ आंसुओं के साथ जसपाल सिंह ने कहा कि जीता रहे कैप्टन अमरेन्द्र सिंह और उसकी सरकार, जिसने हमारी बाजू पकड़ी और मेरा कर्ज वाला चरखा टूटा तथा मेरी जिंदगी की नई शुरूआत हुई।

इसी किसान जैसी बात करते नाभा के पास के गांव ह्याना खुर्द के दर्शन सिंह, जिसका डेढ़ लाख रुपए कर्ज माफ हुआ है, ने भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह का बार-बार धन्यवाद करते कहा कि वह तो इस कर्ज का ब्याज भी नहीं वापस कर सकता था। जबकि गांव कटखेड़ी के किसान हरजीत सिंह, जिसका 53 हजार कर्ज माफ हुआ है, ने भी यही बात कही कि उसका कर्ज माफ हो गया और वह अब बेफिक्र हो कर अपने बच्चे पालेगा। इसी तरह गांव असरपुर (सनौर) के निवासी काहन सिंह, जोकि काफी बुजुर्ग हो चुका है, के सुपुत्र गुरमीत सिंह ने कहा कि उनके सिर से भी 1.50 लाख रुपए कर्ज की गठरी उतरी परन्तु अगर यह माफी का लाभ पंजाब सरकार न देती तो उनका भी हाल बुरा ही होना था। इन किसानों का कहना था कि उनको अपना कर्ज माफ करवाने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ा और न ही किसी सिफारिश की जरूरत पड़ी।

जसपाल सिंह कहता है कि ‘सरकार ने अपने आप कर्ज वाले किसानों की सूचियां उठाईं और उन को तो घर बैठे-बैठे पता लगा कि उन का कर्ज माफ हो रहा है।’ बताना बनता है कि पंजाब सरकार ने अब तक पटियाला जिले के 23,651 किसानों का 147.17 करोड़ रुपए कर्ज माफ किया है, जबकि कई किसानों को तो इस माफी का पता भी तब चला जब सहकारी बैंक वालों ने बताया कि वह भी इस कर्ज माफी की सूची में शामिल हैं और उनके लोन खातों पर घर बैठे ही लकीर लग गई।

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