स्वास्थ्य मंत्री के जिले में-उम्र दराज एम्बुलैंस के सहारे लाखों जिंदगियां

Edited By swetha,Updated: 21 May, 2018 11:11 AM

ambulance service in patiala

स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिंद्रा के अपने जिले की 108 एम्बुलैंस उम्र दराज हो चुकी हैं। हालात यह हैं कि 7 सालों में कई गाडिय़ां तो 5 लाख किलोमीटर तक चल चुकी हैं।  अब उनकी हालत बेहद खस्ता है। एम्बुलैंस के अंदर स्ट्रेचर टूटने से लेकर पंखे खराब और कइयों...

पटियाला (बलजिन्द्र, परमीत) : स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिंद्रा के अपने जिले की 108 एम्बुलैंस उम्र दराज हो चुकी हैं। हालात यह हैं कि 7 सालों में कई गाडिय़ां तो 5 लाख किलोमीटर तक चल चुकी हैं।  अब उनकी हालत बेहद खस्ता है। एम्बुलैंस के अंदर स्ट्रेचर टूटने से लेकर पंखे खराब और कइयों के टायर भी कंडम हो चुके हैं। 

हालांकि आज भी 108 एम्बुलैंस सरकार के सफल प्रोजैक्टों में से एक कही जा सकती है, परंतु यह सेवा अपडेट न होने के चलते काफी कठिन दौर में से निकल रही है। इसकी तरफ सेहत मंत्री को तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। जब एम्बुलैंस सेवाएं शुरू की गई थीं तो हर 5 साल बाद गाडियां बदलने की बात भी कही गई थी, परंतु ऐसा कुछ देखने में नहीं आया। 

फ्लिट में नहीं शामिल की गई कोई भी नई गाड़ी
मुख्यमंत्री और सेहत मंत्री के जिले पटियाला के साथ पूरे पंजाब में 2011 में 108 एंबुलैंस सेवा शुरू की गई थी। उस समय फ्लिट में 10 गाड़ियों को शामिल किया गया था। अगले ही साल 2012 में 6 और गाड़ियों को शामिल किया गया था। अब 16 गाडियां सेवा निभा रही हैं। जब यह सेवा शुरू की गई उसके बाद कोई भी नई गाड़ी शामिल नहीं की गई और आज तक पुरानी गाड़ियों के साथ ही काम चलाया जा रहा है। 

पटियाला में सरकारी राजिन्द्रा अस्पताल है जहां आधे से ज्यादा मालवा रीजन के लोग आज भी इलाज के लिए आते हैं और ज्यादा गंभीर मरीज को यहां से ही पी.जी.आई. व 32 अस्पताल चंडीगढ़ भेजा जाता है। इस कारण पटियाला की गाडिय़ां हर रोज औसतन 300 से 400 किलोमीटर तक चल जाती हैं। सरकारी राजिन्द्रा अस्पताल में से रोजाना 3 से 4 मरीज पी.जी.आई. और सैक्टर 32 अस्पताल चंडीगढ़ शिफ्ट किए जा रहे हैं, जिस कारण पटियाला में नई गाडिय़ों की सबसे ज्यादा जरूरत है। 

एक भी एडवांस लाइफ स्पोर्ट (ए.एल.एस.) एम्बुलैंस नहीं
सेहत मंत्री के जिले की 108 एंबुलैंस की 16 गाड़ियों में एक भी एडवांस लाइफ स्पोर्ट (ए.एल.एस.) गाड़ी शामिल नहीं है। सभी गाडिय़ां बेसिक लाइफ स्पोर्ट (बी.एल.एस.) एंबुलैंस ही हैं। इनके साथ ज्यादा गंभीर हालत वाले मरीजों को शिफ्ट करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जहां नई गाडिय़ां शामिल करने की बात है, वहीं 2 गाडिय़ां ए.एल.एस. भी शामिल की जानी चाहिएं। ए.एल.एस. गाडिय़ों में वैंटीलेटर आदि की सुविधा भी होती है। आमतौर पर एक गाड़ी में 2 पायलट, 2 ई.एम.टी. यानी एमरजैंसी मैडीकल टैक्नीशियन के अलावा एक मैंटीनैंस टीम भी होती है।

गाड़ियों की हालत काफी ज्यादा खस्ता
एम्बुलैंस गाड़ियों की हालत काफी ज्यादा खस्ता हुई पड़ी है। कई गाड़ियों की अंदरूनी व्यवस्था खराब हो चुकी है, जिनके बारे में अक्सर मीडिया में खबरें आती रहती हैं  जिन्हें तुरंत सुधारने की जरूरत है।
 

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