Edited By Updated: 06 Jan, 2016 08:55 AM
भारतीय वायुसेना के पठानकोट बेस पर हमला करने वाले 6 आतंकियों ने पाकिस्तान के रावलपिंडी में नूर खान एयरफोर्स बेस पर इसकी ट्रेनिंग ली थी।
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के पठानकोट बेस पर हमला करने वाले 6 आतंकियों ने पाकिस्तान के रावलपिंडी में नूर खान एयरफोर्स बेस पर इसकी ट्रेनिंग ली थी। शीर्ष खुफिया अधिकारियों के मुताबिक इन आतंकियों ने नूर खान एयरबेस में कम से कम 4 बार मॉक आप्रेशन किया था। इसके अलावा पाकिस्तान के पंजाब में बहावलपुर में भी इनकी ट्रेनिंग हुई थी। इस मॉक ड्रिल में आतंकियों ने चैकिंग प्वाइंट्स को पार करने से लेकर पूरे एयरबेस को अपने कब्जे में लेने की ट्रेनिंग ली थी।
इसके अलावा हथियार चलाने और हाथों से लडऩे का भी प्रशिक्षण दिया गया था। हमले के दौरान थकावट न हो और बीमार न पड़ें इसलिए वे टैबलेट्स भी खा रहे थे। आतंकियों के तीन पाकिस्तानी ट्रेनर्स की भी पहचान हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक इन्हें किसी भी हालत में गिरफ्तार होने की बजाय खुद को उड़ा लेने के सख्त निर्देश दिए गए थे। एक शीर्ष अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा कि आतंकियों के हमले से पता चलता है कि उनकी सैनिकों की तरह ट्रेनिंग हुई थी। अभी यह पता नहीं चल सका है कि वे पाकिस्तानी सेना या एयरफोर्स के पूर्व सदस्य तो नहीं थे।
26/11 से भी काफी समानताएं
1.26/11 में भी एक आतंकी को 72 घंटों बाद खत्म किया जा सका था। पठानकोट में भी 68 घंटे बाद तक आतंकी मोर्चा संभाले हुए थे।
2. मुम्बई की तरह पठानकोट के हमलावरों ने हो सकता है कि आने के लिए पानी के रास्ते यानी पंजाब की नहरों-नदी का इस्तेमाल किया हो।
3. 26/11 और पठानकोट दोनों जगहों के हमलावरों ने गाड़ी हाइजैक कर ड्राइवरों को मारा तथा अपने गंतव्य तक पहुंचे।
4.सबसे महत्वपूर्ण समानता यह है कि दोनों हमलों के बारे में पहले से खुफिया जानकारी हासिल थी, पर इन्हें रोका नहीं जा सका।
मोदी की लाहौर यात्रा से खुश नहीं थी ISI
बी.एस.एफ.के पूर्व डायरैक्टर जनरल ई.एन. राममोहन ने कहा कि मेरा मानना है कि मोदी की पाक यात्रा से आई.एस.आई. खुश नहीं थी। इस हमले के जरिए शायद दोनों पी.एम. को बताया गया है कि वे दोनों देशों के रिश्ते के प्रोटोकॉल के उल्लंघन की कोशिश न करें। हो सकता है कि पठानकोट हमला पहले से उनकी लिस्ट में रहा हो, पर पी.एम. के लाहौर दौरे के बाद इसे आगे खिसका दिया हो।
सुरक्षा विशेषज्ञों को शक है कि पठानकोट एयरबेस में मिले भारी हथियार 6 आतंकियों के एयरबेस में आने से पहले ही वहां पहुंचा दिए गए हों। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है कि 6 लोग इतनी भारी संख्या में हथियार नहीं ला सकते हैं। आतंकियों के लाए गए हथियारों से पता चलता है कि उन्हें मॉडिफाई भी किया गया था। ए.के.-47 को बदलकर मोर्टार लांचर या अंडर-बैरल ग्रेनेड लांचर बनाने की कोशिश की गई थी। हालांकि इससे वे हथियार प्रभावी नहीं रह गए थे।