हैडवर्क्स पर लगे वेयर गेटों की रिपेयर के लिए 30 वर्ष के बाद आरंभ हुआ कार्य

Edited By bharti,Updated: 19 Nov, 2018 11:24 AM

work started after 30 years for repair of ware gates on headworks

लगभग 30 वर्षों के बाद सतलुज दरिया के जल स्तर को कंट्रोल करने एवं सरहिंद नहर के गेटों की रिपेयर का कार्य होने...

रूपनगर (कैलाश): लगभग 30 वर्षों के बाद सतलुज दरिया के जल स्तर को कंट्रोल करने एवं सरहिंद नहर के गेटों की रिपेयर का कार्य होने जा रहा है। सरकार की तरफ से बजट पास करने के बाद उक्त कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो चुका है। जानकारी के अनुसार सतलुज दरिया का जल कंट्रोल करने के लिए जिला हैडक्वार्टर रूपनगर में एक 800 मीटर लंबे पुल के साथ बांध भी बनाया गया है। इसमें जल कंट्रोल करने के लिए 32 बड़े फाटक (वेयर गेट) 12 सलूसिस (डबल गेट), दाहिनी तरफ 4 सलूसिस तथा सरहिंद नहर के लिए 13 फाटक (वेयर गेट) स्थापित हैं। उक्त गेटों की छुटपुट रिपेयर या रंग-रोगन तो कुछ वर्ष पहले किया गया, परंतु पिछले 30 वर्षों से उक्त गेटों की मुख्य रिपेयर बजट न होने के कारण ठप्प पड़ी थी। जिससे कुछ गेटों की हालत बहुत खस्ता हो चुकी थी, जबकि सतलुज दरिया में लगभग 20 से 25 हजार क्यूसिक तथा सरहिंद नहर में 7-8 हजार क्यूसिक पानी रहता है। जिसे उक्त गेट कंट्रोल करते हैं।

सरकार ने 3.50 करोड़ का भेजा फंड 
पता चला है कि उक्त गेटों की मुरम्मत के लिए सरकार द्वारा 3.50 करोड़ के लगभग फंड भेजे गए हैं तथा सभी गेटों के लिए कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंचाई के लिए पानी की नो-डिमांड के चलते सतलुज दरिया के पानी को पीछे सेे बंद कर दिया गया है ताकि सभी गेटों की मुरम्मत आसानी से हो सके। उक्त रिपेयर के लिए अलग-अलग एजैंसियों को कार्य सौंपा गया है। 

कहां-कहां होगी वेयर गेटों की रिपेयर 
इस संबंध में हैडवर्क्स  इरीगेशन के एस.डी.ओ. योवनप्रीत सिंह ने बताया कि रूपनगर दरिया एवं सरहिंद नहर के गेटों के अतिरिक्त दोराहा हैड मानपुर, लुधियाना, भवानी हैडवक्र्स पर लगे गेटों की रिपेयर भी उक्त बजट के अधीन की जाएगी। योवनप्रीत सिंह ने बताया कि गेटों का टोटल मैकेनिजम, गेयर सिस्टम, सीलिंग एरेंजमैंट, पुलिंग सिस्टम, रोलिंग आदि की रिपेयर की जाएगी। उन्होंने बताया कि गेटों की हालत खस्ता होने के कारण उन्हें तथा कर्मचारियों को गेट खोलने व बंद करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि सिलिंग रिपेयर भी 4 वर्षों में होनी चाहिए थी, परंतु उसे भी 5-6 वर्ष बीत चुके हैं। उन्होंने बताया कि हैडवक्र्स पर तथा अन्य स्थानों पर लगे गेटों की मुरम्मत के लिए लगभग 3.50 से 4 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। 

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