Edited By Sunita sarangal,Updated: 06 Dec, 2019 10:39 AM
वाहनों की बढ़ती संख्या से नवांशहर में विकराल हुई ट्रैफिक की समस्या
नवांशहर(त्रिपाठी): शहर में ट्रैफिक समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। चंडीगढ़ को जोड़ने वाले नैशनल हाईवे-3 (फगवाड़ा-रूपनगर) से नवांशहर-अमृतसर, जालंधर-फगवाड़ा के अलावा होशियारपुर-पठानकोट का ट्रैफिक भी यहां से गुजरता है। दिल्ली जाने के लिए माछीवाड़ा-खन्ना मार्ग करीब 40 किलोमीटर छोटा होने के चलते ही इस मार्ग का उपयोग अधिक होता है। ऐसे में पूरा बोझ बंगा-नवांशहर-चंडीगढ़ और राहों की ओर जाने वाले ट्रैफिक के चलते इस मार्ग पर पड़ रहा है।
नैशनल हाईवे बनने के चलते जहां जालंधर से नवांशहर का मार्ग करीब 45 मिनट का रह गया है, वहीं नवांशहर प्रवेश करने पर बंगा रोड स्थित रेलवे फाटक से चंडीगढ़ चौक तक के करीब 1 किलोमीटर मार्ग को पार करने के लिए आमतौर पर आधे घंटे का समय लग जाता है। इससे इस मार्ग पर आने वाले ट्रैफिक का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। यही कारण है कि दिन के अधिकांश समय इस मार्ग विशेष तौर पर अम्बेदकर चौक से चंडीगढ़ चौक तक वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं।
लाखों रुपए की ट्रैफिक लाइटें हुईं बेकार
यहां वर्णनीय है कि नवांशहर में ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए उस समय के डिप्टी कमिश्नर कृष्ण कुमार की ओर से ट्रैफिक विशेषज्ञों के परामर्श पर नवांशहर के चंडीगढ़ चौक, अम्बेदकर चौक के अतिरिक्त इस मार्ग से कोठी रोड, कुलाम रोड और आर्य समाज रोड की ओर जाने वाले मार्गों पर ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थीं। कुछ वर्ष तक ट्रैफिक लाइटें चलने के बाद खराब हुई लाइटों को दुरुस्त नहीं करवाया गया। आज स्थिति यह है कि ट्रैफिक लाइटों के कुछ पोल जहां डिवाइडर किनारे गिरे दम तोड़ रहे हैं, वहीं अधिकांश पोल गायब हो चुके हैं जबकि मुख्य लाइटें सफेद हाथी बन कर रह गई हैं। इससे ट्रैफिक लाइटों पर खर्च हुए लाखों रुपए की बेकार हो चुके हैं।
लोगों का कहना है कि यदि ट्रैफिक लाइटें नवांशहर में ट्रैफिक नियंत्रित करने में मददगार ही नहीं थीं तो सरकार के लाखों रुपए क्यों बेकार किए गए। समाज के कुछ लोगों का कहना है कि ट्रैफिक लाइटों के चलते लगने वाली वाहनों की लंबी लाइनों में फंसे वी.आई.पी. और जिला प्रशासनिक अधिकारियों को भी नियमों का पालन करना होता है, लेकिन ट्रैफिक लाइटें काम नहीं करने पर ट्रैफिक कर्मचारी यातायात को मैनुअल तौर पर नियंत्रित करते हुए वी.आई.पी. और जिला प्रशासनिक अधिकारियों को निकालने में आसानी रहती है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि ट्रैफिक लाइटों को अविलंब ठीक करवाया जाए।
ट्रैफिक इंचार्ज रतन सिंह का कहना है कि कई बार ट्रैफिक लाइटों को ठीक करवाने की गुहार लगाई गई है। इस बार ट्रैफिक मॉनीटरिंग की मासिक बैठक में भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर विनय बुबलानी ने बताया कि जल्द नवांशहर बाईपास शुरू होने की उम्मीद है जिससे काफी हद तक इस समस्या से निजात मिल जाएगी। ट्रैफिक लाइटें अगर स्थापित की गई हैं तो उनका उचित उपयोग हर हालत में होना चाहिए। इसके लिए संबंधित विभाग को जल्द रिपेयर करवाने के आदेश दिए जाएंगे।