Edited By swetha,Updated: 10 Apr, 2020 09:04 AM
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने लोगों के बीच कोरोना संक्रमण को लेकर फैली गलत धारणा को दूर करने के लिए वायरस से पीड़ित के अंतिम संस्कार में भाग लिया।
नवांशहरः पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने लोगों के बीच कोरोना संक्रमण को लेकर फैली गलत धारणा को दूर करने के लिए वायरस से पीड़ित के अंतिम संस्कार में भाग लिया। यह कदम उन्होंने राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से हुई घटनाओं के मद्देनजर उठाया। कई जगहों पर कोरोना वायरस के कारण मरने वाले व्यक्तियों के परिवारों ने उनके शव को लेने और उनका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था।
इन चौंकाने वाली घटनाओं ने खून के रिश्तों पर बी सवाल खड़े कर दिए थे। पंजाब कैबिनेट के दोनों मंत्रियों ने ग्राम चटमाली के सरपंच मोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होकर लोगों की इसे लेकर गलत धारणा को तोड़ने की कोशिश की है। सरपंच मोहन सिंह की मौत कोरोना वायरस के चलते 8 अप्रैल को हुई थी। वह अपने लोक भलाई कार्यों के चलते अपने इलाके में काफी प्रसिद्ध था। उसकी पत्नी और बेटा भी कोरोना पॉजिटिव है,जिनका इलाज चल रहा है।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री सिद्धू ने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि पीड़ितों के अंतिम संस्कार में उपस्थित लोगों और आसपास के निवासियों के जीवन को कोई खतरा नहीं है। बता दें कि अमृतसर के एक श्मशानघाट के प्रवेश द्वार पर ताला लगाकर लोगों ने प्रसिद्ध रागी भाई निर्मल सिंह का वहां अंतिम संस्कार करवाने से इंकार कर दिया था। जनता को गुमराह न करने और दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपील करते हुए, स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि अधिकारी पीड़ितों के शवों का अंतिम संस्कार करते समय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। उन्होंने इस चिंता के साथ ध्यान दिया कि अंतिम संस्कार से इनकार करने वाले लोगों का व्यवहार बहुत अमानवीय इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।