Edited By Vatika,Updated: 24 May, 2019 10:54 AM
केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अकेले दम पर पूर्ण और एन.डी.ए. गठबंधन के साथ मिले प्रचंड बहुमत के बावजूद श्री आनंदपुर साहिब के लोकसभा हलका सहित पंजाब में अकाली-भाजपा और विशेष तौर पर अकाली दल को मिली करारी शिकस्त को आम लोग कांग्रेस की जीत के...
नवांशहर(त्रिपाठी): केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अकेले दम पर पूर्ण और एन.डी.ए. गठबंधन के साथ मिले प्रचंड बहुमत के बावजूद श्री आनंदपुर साहिब के लोकसभा हलका सहित पंजाब में अकाली-भाजपा और विशेष तौर पर अकाली दल को मिली करारी शिकस्त को आम लोग कांग्रेस की जीत के रूप में नहीं देख रहे हैं।
लोगों का कहना है कि राष्ट्र भर में विशेष तौर पर नॉर्थ इंडिया में भाजपा को मिली भारी सफलता के बावजूद पंजाब में यदि कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही है तो उसका कारण कांग्रेस की पिछले करीब अढ़ाई वर्ष दौरान अच्छी कारगुजारी नहीं बल्कि बरगाड़ी कांड को लेकर पंजाब के वोटरों विशेष तौर सिख मतदाताओं में अकाली दल के खिलाफ पाया जाने वाला भारी रोष मुख्य कारण रहा है। श्री आनंदपुर साहिब हलके से वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा 23,697 वोटों से विजय रहे थे लेकिन इस बार प्रो. चंदूमाजरा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे मनीष तिवारी 36,6&2 मतों से विजयी रहे।