Edited By bharti,Updated: 16 Oct, 2018 11:04 AM
पंजाब सरकार की ओर से रमसा तथा एस.एस.ए. अध्यापकों के वेतन में की गई 65 प्रतिशत कटौती के विरोध में इंडियन...
नवांशहर (त्रिपाठी/मनोरंजन): पंजाब सरकार की ओर से रमसा तथा एस.एस.ए. अध्यापकों के वेतन में की गई 65 प्रतिशत कटौती के विरोध में इंडियन फैडरेशन आफ ट्रड़ यूनियन (इफ्टू) ने आज स्थानीय अम्बेदकर चौक में पंजाब सरकार का पुतला फूंक कर जोरदार नारेबाजी की। इस अवसर पर इफ्टू के प्रदेश प्रधान कुलविन्द्र सिंह वडैच तथा प्रदेश सचिव जसवीर दीप ने कहा कि पंजाब सरकार एक ऐसी नीति को अमल में ला रही है, जिससे गरीब वर्ग शिक्षा से वंचित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को अध्यापकों की बजाय मंत्रियों और विधायकों के वेतन में कटौती करनी चाहिए।
सरकार द्वारा अध्यापकों के वेतन में 65 प्रतिशत कटौती करना तथा सरकारी स्कूलों को निजी हाथों में सौंपना इस नीति का हिस्सा है। उन्होंने संघर्षशील अध्यापकों के हौसले तथा संघर्ष करने के सामथ्र्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि अध्यापकों के परिवारों का संघर्ष में शामिल होना सिद्ध करता है कि सरकार के इस तुगलकी फरमान सही नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब के विधायक, मंत्री तथा अफसरशाही मात्र 1 डिनर पर 15-20 हजार रुपए खर्च कर स्वयं शाही जीवन व्यतीत कर रहे हैं, परन्तु कर्मचारियों को संयम का पाठ सीखा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अध्यापकों के इस संघर्ष में समर्थन देने की अपील करते हुए कहा कि अध्यापक विरोधी निर्णय के खिलाफ वेसड़कों पर उतर कर सरकार का तीखा विरोध करें। इस अवसर पर बिल्ला गुजर, जसपाल, तारा चंद, मोहन लाल, कर्ण, हरे राम, हरे लाल, शिव शंकर, प्रवीण कुमार, निराला, राजू तथा किशोर कुमार आदि उपस्थित थे।