Edited By swetha,Updated: 06 Dec, 2018 11:45 AM
स्वास्थ्य विभाग पंजाब ने नशे के तौर पर प्रयुक्त हो सकने वाली दवाइयों (हैबिट फोर्मिंग ड्रग्स) की बिक्री के लिए पंजाब के सभी थोक विक्रेताओं एवं दवा निर्माण कंपनियों को आदेश जारी कर कहा है कि इसके लिए वे लिखित ऑर्डर लेने के बाद ही दवाइयों की बिक्री...
रूपनगर(कैलाश): स्वास्थ्य विभाग पंजाब ने नशे के तौर पर प्रयुक्त हो सकने वाली दवाइयों (हैबिट फोर्मिंग ड्रग्स) की बिक्री के लिए पंजाब के सभी थोक विक्रेताओं एवं दवा निर्माण कंपनियों को आदेश जारी कर कहा है कि इसके लिए वे लिखित ऑर्डर लेने के बाद ही दवाइयों की बिक्री करें और इसके बदले वसूली गई राशि का रिकॉर्ड भी रखा जाए।
इस संबंध में ‘पंजाब केसरी’ को विशेष जानकारी देते हुए ज्वाइंट कमिश्नर फूड एंड ड्रग्ज एडमिनिस्ट्रेशन (एफ.डी.ए.) पंजाब प्रदीप मट्टू ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है। पंजाब से नशा समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि ड्रग विभाग द्वारा हैबिट फोर्मिंग दवाइयों के लिए लिखित ऑर्डर लेना जरूरी कर दिया गया है। इसके अलावा पंजाब में 6 प्रकार की हैबिट फोर्मिंग दवाइयों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी गई है। दवा विक्रेताओं के लाइसैंसों पर संबंधित दवाइयों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए लाल मोहर भी लगाई जा रही है। मट्टू ने बताया कि पंजाब में दवाइयों की हो रही बिक्री एवं गुणवत्ता की चैकिंग के लिए ड्रग विभाग द्वारा पंजाब के सभी जिला ड्रग्स कंट्रोल अधिकारियों को संदिग्ध दवाइयों के लगातार नमूने भरने व उनकी जांच करवाने के आदेश भी दिए गए हैं।
दवाइयों की जानकारी वैब व एप पर भी उपलब्ध
मट्टू ने बताया कि पंजाब की दवा मार्कीट में दवाइयों की उपलब्धि हेतु एफ.डी.ए. द्वारा वैबसाइट ‘ड्रग इंफार्मेशन एंड मॉनिटिं्रग सिस्टम’ लांच की है, जिससे मार्कीट में बिकने वाली दवाइयों तथा दवा विक्रेताओं संबंधी जानकारी भी उपलब्ध रहेगी। इसके अतिरिक्त उक्त जानकारी एंड्रायड एप पर भी मिल सकेगी।
इन दवाइयों पर विभाग की पाबंदी
मट्टू ने बताया कि ड्रग विभाग ने डैक्सट्रोप्रोपोकसीफैन, डाईफिनोक्सीलेट, कोडीन, ब्यूपरोनोरफिन, पैंटाजोसिन तथा नाईट्राजीपाम साल्ट की सभी दवाइयों पर पाबंदी लगा दी है।
खाद्य पदार्थों पर भी नजर
मट्टू ने बताया कि दवाइयों के अतिरिक्त पंजाब में खाद्य कारोबारियों पर भी विभाग अपनी पैनी नजर रखे हुए है तथा खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को जागरूक करने के लिए उनकी टीम बैठकें कर रही है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर तैनात सहायक फूड कमिश्नरों को खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच के लिए फूड एंड ड्रग टैस्टिंग लैब में आधुनिक तकनीक की मशीनें स्थापित की गई हैं।