Edited By swetha,Updated: 13 Apr, 2019 09:14 AM
सरकारी दावों के उलट आजादी के 7 दशकों के बाद भी लोग शुद्ध पीने वाले पानी की सुविधा से अभी तक वंचित हैं।
नूरपुरबेदी(भंडारी): सरकारी दावों के उलट आजादी के 7 दशकों के बाद भी लोग शुद्ध पीने वाले पानी की सुविधा से अभी तक वंचित हैं। इसकी मिसाल नूरपुरबेदी शहर से मिलती है जहां 27 करोड़ की लागत वाले नहरी पानी के प्रोजैक्ट के चालू होने के बावजूद लोगों को वाटर सप्लाई व सैनीटेशन विभाग द्वारा दूषित पानी सप्लाई किया जा रहा है। गंदा पानी आने पर लोगों का गुस्सा इस कदर बढ़ गया कि वे दूषित पानी की बोतलें और बाल्टियां भरकर स्थानीय एस.डी.ओ. के कार्यालय में पहुंच गए। लोगों द्वारा लाए गए गंदे पानी को देखकर स्वयं एस.डी.ओ. भी हैरान रह गए। लोगों का कहना था कि इस पानी से नहाना तो दूर यह पानी कपड़े धोने के भी काबिल नहीं है। यह दूषित पानी किसी एक मोहल्ले को ही नहीं बल्कि समूचे शहर को सप्लाई किया जा रहा है।
शहरवासियों का कहना है कि एक तरफ तो जिला प्रशासन द्वारा शुद्ध पानी पीने के लिए जागरूकता कैंप लगाए जा रहे हैं मगर दूसरी तरफ शहर में सप्लाई हो रहे दूषित पानी से संबंधित विभाग स्वयं अनभिज्ञ है। लोगों ने कहा कि विभाग की इस लापरवाही के कारण गर्मी के मौसम में दूषित पानी के पीने से शहर में किसी भी समय डायरिया सहित अन्य भयानक बीमारियां फैल सकती हैं और जिसका भय लोगों में बरकरार है। इस दूषित पानी के कारण आम लोगों के साथ-साथ अधिकतर स्कूली बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि इन स्कूलों को भी वाटर सप्लाई वाला ही पानी नसीब हो रहा है। इस मौके पर सरपंच मनजीत कौर, पंच सतनाम सिंह, महिन्द्र शाह, गौरव कालड़ा, रिंकू चड्ढा, संदीप पुरी, नरिन्द्र बग्गा, परमजीत सिंह, राजीव मालिया ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अगर उक्त समस्या का 24 घंटे के भीतर समाधान न निकाला गया तो वे अधिकरियों का कार्यालय में पहुंचकर पिट-स्यापा करेंगे।