Edited By swetha,Updated: 20 Apr, 2019 09:33 AM
अपने घर की छत पर खेल रहे 3 और 4 वर्ष के भाई-बहन हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गए। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों ने दोनों घायल बच्चों को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें प्राथमिक उपचार देने के...
नवांशहर (त्रिपाठी) : अपने घर की छत पर खेल रहे 3 और 4 वर्ष के भाई-बहन हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गए। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों ने दोनों घायल बच्चों को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद पी.जी.आई. चंडीगढ़ के लिए रैफर कर दिया।
थानेदार जसविन्दर सिंह ने बताया कि नवांशहर के बरनाला रोड पर स्थित मोहल्ला वाहे गुरु नगर में पुरुषोत्तम कुमार का पुत्र विक्की (3) और पुत्री पायल (4) सुबह करीब 10 बजे अपने घर की छत पर खेल रहे थे। उन्होंने बताया कि घर की छत के ऊपर से हाई वोल्टेज की तारें गुजरती हैं। इस दौरान हादसे से अनजान बच्चों ने खेल-खेल में छत पर पड़ी एक पाइप को उक्त तारों के साथ टकराना शुरू कर दिया जिसके चलते पहले एक बच्चा तारों की चपेट में आया और फिर हाई वोल्टेज तारों ने दूसरे बच्चे को भी अपनी चपेट में ले लिया।
एक बच्चे की हालत अधिक गंभीर
इस संबंधी सीनियर मैडीकल अधिकारी डा. हरविन्दर सिंह ने बताया कि हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आए बच्चों में एक की हालत गंभीर है जिसे अंदरूनी इंजरी अधिक हुई है।
विभाग की ओर से जारी किए जाते हैं नोटिस
पावर कॉम विभाग के चीफ इंजीनियर ने कहा कि ऐसे लोगों को विभाग की ओर से नोटिस जारी किए जाते हैं। नगर कौंसिल और संबंधित विभागों को भी चाहिए कि वे हाई वोल्टेज तारों के नीचे बनने वाली बिल्डिंगों के नक्शे पास न करें जबकि दूसरी ओर पावर कॉम विभाग की ओर से ऐसी बिल्डिंगों व घरों को बिजली मीटर जारी करने से गुरेज नहीं किया जा रहा है।
हाई वोल्टेज तारों के नीचे काटे जाते हैं प्लाट
जिले में पुडा अथवा नगर सुधार ट्रस्ट की ओर से सरकारी कॉलोनियां न काटे जाने के चलते बहुत सारे लोग हाई वोल्टेज तारों के नीचे से प्लाट खरीद लेते हैं जिससे इस तरह के हादसों के घटित होने का संभावना बन रही है। गढ़शंकर रोड स्थित एक मोहल्ले में भी घर पर कार्य कर रहा एक इलैक्ट्रीशियन इस तरह के हादसे का शिकार होकर अपनी जान गंवा चुका है। वहीं कई अन्य हादसों में लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं जबकि पक्षी भी इस तरह के हादसों का प्रतिदिन शिकार हो रहे हैं। बावजूद इसके विभाग की ओर से ऐसे हादसों को रोकने के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए हैं।