Edited By Vatika,Updated: 24 May, 2018 05:17 PM
देश की आजादी के संघर्ष में फांसी के फंदे को चूमने वाले शहीदों को शहीद का दर्जा देने की मांग को केंद्र सरकार नजरअंदाज कर रही है। भगत सिंह और उनके साथियों को शहीद का दर्जा देने की मांग इसलिए जरूरी है
नवांशहर(त्रिपाठी): देश की आजादी के संघर्ष में फांसी के फंदे को चूमने वाले शहीदों को शहीद का दर्जा देने की मांग को केंद्र सरकार नजरअंदाज कर रही है। भगत सिंह और उनके साथियों को शहीद का दर्जा देने की मांग इसलिए जरूरी है ताकि भावी पीढिय़ों को समय-समय की सरकारों द्वारा किए गए शहीदों की स्मृति को ताजा रखने के कार्य देखने को मिल सकें । उक्त बातें विरोधी संघर्ष कमेटी के प्रधान जसवंत सिंह भारटा ने आज भूख हड़ताल के 11वें दिन कहीं।
इस दौरान बंगा के पूर्व विधायक मोहन लाल ने भी जब्र विरोधी संंघर्ष कमेटी के प्रधान की भूख हड़ताल का समर्थन करते हुए केन्द्र सरकार से अपील की कि शहीदों को शहीद का दर्ज देने की कार्रवाई को जल्द मुकम्मल करके जनता की मांग को पूरा किया जाए। भारटा ने कहा कि जब तक शहीदों के शहीदी दिवस पर केन्द्र सरकार पूरे देश में अवकाश घोषित नहीं करती तथा शहीदों को शहीदी का दर्जा नहीं देती, उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी।