Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 09:25 PM
भारत नेपाल सीमा पर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बांध का निर्माण किया जाएगा। केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बुधवार को यहां पत्रकारों को बताया कि इसका व्यास करीब 90 वर्ग किलामीटर होगा जो दुनिया का दूसरा...
बीकानेर: भारत नेपाल सीमा पर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बांध का निर्माण किया जाएगा। केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बुधवार को यहां पत्रकारों को बताया कि इसका व्यास करीब 90 वर्ग किलामीटर होगा जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध होगा।
नेपाल से बहने वाली महानदी शारदा, सतलुज, यमुना और साबरती का लिंक बनेगा। यह बांध इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। इससे करीब 4800 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा जिसका लाभ भारत और नेपाल को मिलेगा। मेघवाल ने कहा कि बांध निर्माण को लेकर पहले नेपाल के पर्यावरणविदों की कुछ आपत्तियां थीं जिन्हें दूर कर लिया गया है। इस विषय पर भारत और नेपाल के तकनीकी दल ने चर्चा कर ली है। उम्मीद है अगले वर्ष 2018 में इस परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।
बांध निर्माण से भारत में 28 हजार और नेपाल में 12 हजार परिवार विस्थापित होंगे, उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बांध का लाभ साबरमती के जरिए राजस्थान को भी मिलेगा। साबरमती का पानी राजस्थान के झुंझुनुं के कुछ इलाकों में प्रवेश करेगा और बीकानेर जिले के लूणकरनसर, कोलायत के साथ ही बाड़मेर, जैसलमेर, सिरोही और गुजरात के दो तीन जिलों तक पहुंचेगा। इससे निकलने वाली नहरें भूमिगत होंगी। सतह पर हुई तो उनके ऊपर सौर उर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे इससे ऊर्जा भी प्राप्त होगी साथ ही पानी का वाष्पीकरण भी रुकेगा।