Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 11:11 AM
मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह और सिख फॉर जस्टिस (एस.एफ.जे.) नामक कट्टरपंथी संगठन के बीच टकराव और बढऩे के आसार दिखाई दे रहे हैं।
जालंधर (सोमनाथ कैंथ, राकेश बहल) : मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह और सिख फॉर जस्टिस (एस.एफ.जे.) नामक कट्टरपंथी संगठन के बीच टकराव और बढऩे के आसार दिखाई दे रहे हैं। कै. अमरेन्द्र सिंह अगले महीने 10 व 11 फरवरी को अमरीका स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 15वीं हार्वर्ड कांफ्रैंस में संबोधित करेंगे।
दूसरी तरफ एस.एफ.जे. ने कै. अमरेन्द्र सिंह के इस दौरे के विरोध की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही यूनिवर्सिटी में कैप्टन के खिलाफ लैटर राइटिंग कैंपेन शुरू कर दी गई है। ऐसी स्थिति में कैप्टन की हार्वर्ड कांफ्रैंस में भागीदारी सहज होने की उम्मीद कम है। वार्षिक भारतीय कांफ्रैंस को कै. अमरेन्द्र सिंह के अलावा केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, बॉलीवुड सुपर स्टार कमल हासन भी संबोधित करेंगे। इस कांफ्रैंस का विषय ‘भारत-लीक से हटकर इनोवेशन्स’ है। कांफ्रैंस में व्यापार जगत के नेताओं, मनोरंजन पेशेवरों, सरकारी अधिकारियों और कई अन्य नेताओं को एक साथ अपने विचार सांझा करने के लिए बुलाया गया है।
अन्य वक्ताओं में सूचना प्रौद्योगिकी, उद्योग और वाणिज्य मंत्री के.टी. रामाराव, भाजपा सांसद पूनम महाजन, अभिनेत्री दिव्या स्पंदनिक जो कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रभारी हैं और यूनिलीवर भारत के पूर्व सी.ई.ओ. नितिन परांजपे तथा वर्तमान अध्यक्ष यूनिलीवर होम केयर के अलावा क्वालिटी काऊंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन आदिल जैनुलभाई, के.के.आर. इंडिया के सी.ई.ओ. संजय नायर, यस बैंक के सी.ई.ओ. राणा कपूर, प्रसिद्ध लेखक अमिश त्रिपाठी, फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी और पत्रकार राहुल कंवल तथा निधि राजदान के कांफ्रैंस में शामिल होने की संभावना है।
‘पंजाब का हिटलर’ करार दिया कैप्टन को
कै. अमरेन्द्र सिंह के इस दौरे का सिख फॉर जस्टिस ग्रुप की तरफ से कड़ा विरोध किया जा रहा है और बाकायदा इसके लिए एक मूवमैंट चलाई गई है। एस.एफ.जे. के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मीडिया को बताया है कि 10 और 11 फरवरी को हार्वर्ड कांफ्रैंस में भाग लेने आ रहे कै. अमरेन्द्र सिंह का एस.एफ.जे. की तरफ से भारी विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार पंजाब में जनमत संग्रह के लिए प्रचार कर रहे सिख राष्ट्रवादियों के उत्पीडऩ के लिए जिम्मेदार है। कै. अमरेन्द्र सिंह को ‘पंजाब का हिटलर’ की संज्ञा देते हुए पन्नू ने कहा कि एस.एफ.जे. द्वारा यूनिवर्सिटी में कैप्टन के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। कैप्टन के आने पर कनाडा की कोर्ट में एस.एफ.जे. द्वारा दाखिल डैफामेशन केस के सम्मन भी तामील करवाए जाएंगे।
आई.एस.आई. के इशारों पर काम कर रहा एस.एफ.जे. संगठन
कनाडा की ओंटारियो सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के खिलाफ एस.एफ.जे. द्वारा दायर मानहानि मामले में सम्मन देने की समयावधि 18 अक्तूबर, 2018 तक बढ़ाई हुई है। कै. अमरेन्द्र सिंह ने सिख संगठन एस.एफ.जे. पर पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया था।
एस.एफ.जे. ने कनाडा के ओंटारियो की अदालत में अमरेन्द्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करवाते हुए 10 लाख डालर के मुआवजे की मांग की हुई है। एस.एफ.जे. के अटार्नी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बताया कि अब हमारे पास कनाडा की अदालत का सम्मन कै. अमरेन्द्र सिंह तक पहुंचाने का सही समय है।
कनाडा में कैप्टन को धमकियां देने पर भारत जता चुका विरोध
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को कनाडा के शहर सरी में खालिस्तानी समर्थक तत्वों द्वारा खुलेआम धमकियां देने पर भारतीय हाई कमीशन कनाडा के विदेश कार्यालय ग्लोबल अफेयर्स से औपचारिक तौर पर पहले ही विरोध दर्ज करवा चुका है। यही नहीं, कनाडा के विदेश मंत्रालय को सिख कट्टरपंथियों द्वारा कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को
दी गई धमकियों का वीडियो उपलब्ध करवाया जा चुका है।
लाऊड स्पीकर से कैप्टन को दी थी धमकियां
कनाडा के विदेश मंत्रालय के सामने इस बात को लेकर भी आपत्ति जाहिर की जा चुकी है कि खालिस्तानी विचारधारा के समर्थक जरनैल सिंह ङ्क्षभडरांवाला व अन्य आतंकियों की सार्वजनिक रूप से तस्वीरें सरी में क्यों प्रदॢशत की गई हैं। बताया जाता है कि कनाडा अधिकारियों को खालिस्तानी तत्वों द्वारा भारत के खिलाफ किए जा रहे दुष्प्रचार से अवगत करवाया गया है। कनाडा के विदेश मंत्रालय ने भरोसा दिया था कि वह इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएगा।
पिछले साल 22 अप्रैल को सरी में हुई परेड के दौरान खालिस्तानी व कट्टरपंथी तत्वों ने लाऊड स्पीकर के जरिए कैप्टन को धमकियां दी थीं। उस समय कनाडा प्रोविन्स के पुलिस व सुरक्षा अधिकारी भी मौजूद थे। इस अवसर पर परेड में 2 खालिस्तानी तत्व भी मौजूद थे जिनमें से एक सिख फॉर जस्टिस संगठन के साथ जुड़ा हुआ है। इस परेड में ब्रिटिश कोलम्बिया के प्रीमियर क्रिस्टी क्लार्क ने भी भाग लिया था।
मुख्यमंत्री को रद्द करना पड़ा था कनाडा दौरा
सिख फॉर जस्टिस के सदस्य खालिस्तान जैसे अलग राज्य के लिए रैफरैंडम 2020 के मुद्दे को हवा दे रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए हुए हैं कि राज्य में या विदेश में बैठे खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ सख्ती की जानी चाहिए। कानून व्यवस्था के मामले में कोई ढील नहीं बरती जानी चाहिए। बाकायदा डी.जी.पी. को जो लोग पंजाब के माहौल को खराब करना चाहते हैं उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। इस कड़ी में विदेशों में बैठकर खालिस्तानी लहर को चलाने वाले तत्वों की तलाश शुरू की जा चुकी है।