Edited By Updated: 11 Nov, 2016 02:33 AM
एस.वाई.एल. के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पंजाब की राजनीति में हड़कंप सा मच गया है। पंजाब कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध ...
चंडीगढ़: एस.वाई.एल. के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पंजाब की राजनीति में हड़कंप सा मच गया है। पंजाब कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया है। वहीं पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने आज बयान देते हुए कहा कि वह किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे। एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब कैबिनेट का 16 नवम्बर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने का फैसला लिया गया है।
कैबिनेट की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब के पास पहले ही पानी नहीं है इसलिए पंजाब का पानी बाहर जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ना नहर बनेगी ना पानी देंगे। उन्होंने कहा कि यह झगड़ा कांग्रेस का खड़ा किया हुआ है। इंदिरा गांधी इसके लिए जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से सुप्रीम कोर्ट की सलाह ना मानने की अपील की जाएगी। इसके साथ उन्होंने 8 दिसंबर को मोगा में पानी बचाओ, पंजाब बचाओ सम्मेलन करवाया जाएगा।
गौरतलब है कि सतलुज यमुना संपर्क नहर (एस.वाई.एल.) मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने वीरवार को सुनाए फैसले में कहा कि किसी राज्य सरकार को राज्यों के बीच के जलबंटवारे समझौते रद्द करने का अधिकार नहीं है। इस बारे में पंजाब द्वारा सतलुज यमुना संपर्क नहर को लेकर हुए समझौतेे को रद्द करने का फैसला असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की पंजाब को एकतरफा कानून बना कर इस समझौते को खारिज करने का अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सतलुज-यमुना संपर्क नहर को पूरा किया जाए और संबधित राज्यों को समझौते के अनुरूप उसके हिस्से का पानी दिया जाए।