Analysis: डिफाल्ट न कर जाएं टैलीकॉम कम्पनियां, JIO ने बढ़ाई बैंकों की चिंता

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 01:45 AM

struggling in the telecom industry by knocking on jio

जियो की तरफ  से 1500 रुपए सिक्योरिटी लेकर मुफ्त में लांच किए गए फोन का सब....

नई दिल्ली: मुकेश अम्बानी की तरफ से जीयो फोन की लॉचिंग के बाद ब्रोडबैंड सेवा मुहैया करवाने वाली सैल्यूलर कम्पनियों व मोबाइल फोन निर्माता कम्पनियों के साथ बैंकिंग सैक्टर की चिंता भी बढ़ गई है। यह चिंता जियो की तरफ  से बाकी सैल्यूलर कम्पनियों को होने वाले नुक्सान के चलते है। माना जा रहा है कि जीयो की इस नई लॉचिंग के साथ देश के बाजार में काम कर रही एयरटैल, वोडाफोन, आइडिया समेत सभी बड़ी कम्पनियों को नुक्सान पहुंचेगा। देश का टैलीकाम सैक्टर पहले ही 8 लाख करोड़ के बड़े ऋण तले दबा हुआ है और इस कर्ज के और बढऩे का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है। 


8 लाख करोड़ के इस कर्ज में भारतीय बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज के अलावा विदेशी कर्ज व हर साल स्पैक्ट्रम की फीस के रूप में जाने वाली किस्त भी शामिल है। यह बढ़ता कर्ज न सिर्फ आर.बी.आई. के लिए चिंता का विषय बना हुआ है बल्कि उन बैंकों के लिए भी आने वाले समय में बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है, जिन बैंकों का पैसा बड़ी-बड़ी सैल्यूलर कम्पनियों में लगा हुआ है। आज हम टैलीकॉम क्षेत्र और बढ़ते कर्ज तथा जीयो के साथ उस पर पडऩे वाले प्रभाव का विश्लेषण करेंगे। PunjabKesari8 लाख करोड़ का कर्ज, बिगड़ सकती है बैंकों की बैलेंस शीट
ग्लोबल रेटिंग एजैंसी फिच का मानना है कि यदि भारत की टैलीकॉम कंपनियां, बैंकों से लिए गए कर्ज के मामले में डिफाल्ट करती हैं तो इससे बैंकों की बैलेंस शीट बिगड़ सकती है। टैलीकॉम कम्पनियों पर कुल 8 लाख करोड़ का कर्ज है। हालांकि एजैंसी का आकलन है कि इससे बैंकों को बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि भारत की मोबाइल कंपनियों द्वारा अधिकतर कर्ज विदेशों से लिया गया है और भारतीय बैंकों ने मोबाइल कंपनियों को 91300 करोड़ रुपए की रकम ही कर्ज के रूप में दी है। यह देश के कुल कर्ज का 1.4 प्रतिशत है। 


देश की टैलीकॉम इंडस्ट्री का कद 2018 के अंत तक 5.29 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। फिलहाल यह कर्ज 4.60 लाख करोड़ रुपए है। सैल्युलर आप्रेटर एसोसिएशन इंडिया (सी.ओ.ए.आई.) का आकलन है कि कर्ज बढऩे की रफ्तार 15 प्रतिशत तक हो सकती है। 2013-14 में टैलीकॉम सैक्टर का कुल कर्ज 2,42896 करोड़ रुपए था। सी.ओ.ए.आई. का मानना है कि यदि सरकार स्पैक्ट्रम की दोबारा नीलामी करती है तो इसका इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि इंडस्ट्री को इस समय तकनीक आप्रेट करने के लिए फंड्स की सख्त जरूरत है। 


जियो के आने से कम हुआ मुनाफा
पिछले साल सितम्बर में लांच हुए जियो 4जी के आगमन से मोबाइल कंपनियों का मुनाफे पर दबाव बढ़ा है। जियो के कारण एयरटैल, वोडाफोन और आइडिया तीनों कंपनियों का मुनाफा घटा है। 2017 की चौथी तिमाही में एयरटैल को 373 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है जो कि पिछले साल इसी अवधि में हुए मुनाफे से 71.7 प्रतिशत कम है जबकि आइडिया को इस दौरान 327.9 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ। पिछले साल इसी अवधि में आइडिया ने 451.9 करोड़ रुपए का मुनाफा दिखाया था। इसी तरह पिछले वित्त वर्ष में वोडाफोन का मुनाफा भी 10 प्रतिशत गिरकर 11,784 करोड़ रुपए रह गया है।

PunjabKesari
भारत की मोबाइल कंपनियों पर कर्ज
एयरटैल-120000
आइडिया-40000
वोडाफोन -47000 करोड़
रिलायंस -40000 करोड़
टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड-35000 करोड़


आर.बी.आई. दे चुका है चेतावनी
रिजर्व बैंक पहले ही देश के बैंकों को टैलीकॉम इंडस्ट्री पर बढ़ रहे कर्ज को लेकर चेतावनी दे चुका है। अप्रैल में आर.बी.आई. ने कहा था कि इस सैक्टर को दिए गए कर्ज को 30 जून तक रिव्यू किया जाए और इसकी रिपोर्ट बनाई जाए।

PunjabKesari
जियो की दस्तक से टैलीकाम इंडस्ट्री में मचा हड़कम्प
जियो की तरफ  से 1500 रुपए सिक्योरिटी लेकर मुफ्त में लांच किए गए फोन का सबसे ज्यादा नुक्सान मोबाइल फोन निर्माता कम्पनियां माइक्रोमैक्स, इंटैक्स, लावा, कार्बन, सैमसंग के अलावा वीवो और ओपो को भी होने का अनुमान है। इंडस्ट्री के माहिरों का मानना है कि जियो की तरफ  से पेश किए गए ऑफर के बाद और कम्पनियों पर भी ऐसा ऑफर लेकर आने का दबाव बढ़ेगा। हालांकि माना जा रहा है कि इनमें से और ज्यादा कम्पनियां पहले से ही अपने मौजूदा फोन की तकनीक में सुधार करके सस्ता 4जी-फोन बनाने की तैयारी कर रही हैं और इन फोनों में और फीचर जोड़े जा रहे हैं परन्तु इन कम्पनियों को अब अपने मोबाइल बेचने के लिए किसी इन्टरनैट सेवा मुहैया करवाने वाली मोबाइल कंपनी की बाजू पकडऩी पड़ सकती है।


हालांकि इंडस्ट्री माहिरों का यह भी मानना है कि जीयो द्वारा स्मार्टफोन के साथ जुडऩे वाले सभी कस्टमर जीयो के साथ ही नहीं जुड़े रहेंगे और बेहतर तजुर्बों के लिए महंगे स्मार्टफोनों की तरफ  भी रुख करेंगे, जिसके साथ इंडस्ट्री को लम्बे दौर में इसका फायदा हो सकता है। स्मार्टफोन की कीमत पहुंच से बाहर होने के चलते पिछले एक साल में स्मार्टफोन के बाजार में उम्मीद मुताबिक तेजी नहीं आई है और इसकी ग्रोथ की रफ्तार सुस्त हो गई है। जियो के साथ मोबाइल निर्माता कम्पनियों को होने वाला नुक्सान बहुत ज्यादा हो सकता है। मोबाइल फोन की निर्माता कम्पनियों को अब भारतीय एयरटैल, वोडाफोन या आइडिया जैसी कम्पनियों के साथ तालमेल करके अपने व्यापार की रणनीति तय करनी पड़ेगी। -राजन मैथ्यू डायरैक्टर जनरल, सैल्यूलर आप्रेटर एसोसिएशन ऑफ  इंडिया

PunjabKesari
यह निश्चित तौर पर मौजूदा बाजार में खलबली मचाने वाला है। हम इस बात से इन्कार नहीं कर सकते कि इस ऑफर के साथ फीचर फोन इंडस्ट्री पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। तत्काल इस प्रभाव का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर फिलहाल यह भी नहीं पता कि जो 1500 रुपए सिक्योरिटी के तौर पर लिए जाने हैं वह रकम फाइनांस की जाएगी कि नहीं। -विकास जैन को-फाऊंडर माइक्रोमैक्स इंफरमैटिक्स

 



 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!