नोटबंदी पर मोदी सरकार की नब्ज टटोलने खुद निकले संघ प्रमुख

Edited By Updated: 23 Nov, 2016 12:39 PM

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भारतीय जनता पार्टी ने विदेशों में फंसे काले धन को भारत में लाने से लेकर न जाने क्या-क्या प्रलोभन लोकसभा चुनावों से पहले जनता को

जालंधर(पाहवा): भारतीय जनता पार्टी ने विदेशों में फंसे काले धन को भारत में लाने से लेकर न जाने क्या-क्या प्रलोभन लोकसभा चुनावों से पहले जनता को दिए लेकिन सत्ता में आने के करीब सवा 2 वर्ष बाद प्रधानमंत्री ने जिस तरह से नोटबंदी का ऐलान कर सभी को परेशानी में डाल दिया उससे भाजपा से लेकर संघ के लोग भी खुश नहीं हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत पिछले कुछ दिनों से हरियाणा, हिमाचल तथा पंजाब के दौरे पर निकले हैं। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग वर्ग के लोगों के साथ नोटबंदी के मसले को लेकर चर्चा की है।  

 

नोटबंदी से भाजपा को हो सकता है नुक्सान
सूत्रों का कहना है कि संघ का यह मानना है कि नोटबंदी का फैसला तो उचित है लेकिन बिना तैयारी के जल्दबाजी में जिस तरह से इसे लागू किया गया है उससे भाजपा को फायदा मिलने की जगह नुक्सान हो सकता है। खासकर आने वाले समय में उत्तर प्रदेश तथा पंजाब सहित 5 विधानसभा क्षेत्रों में जो चुनाव होने हैं उनमें भाजपा को नुक्सान का सामना करना पड़ सकता है। इस नुक्सान की गहराई नापने के लिए ही संघ प्रमुख लोगों के बीच जाकर उनकी राय जानने की कोशिश कर रहे हैं। वैसे यह काम संघ के स्वयंसेवक भी कर रहे हैं लेकिन मामला एक लोकतांत्रिक देश की आम जनता से जुड़ा हुआ है तो ऐसे में संघ को यह चिंता है कि भाजपा का बना-बनाया खेल कहीं खराब न हो जाए। 

 

मोदी सरकार के प्रति लोगों में रोष
संघ प्रमुख ने लुधियाना में कई बड़े उद्यमियों के साथ मुलाकात कर उनसे राजनीतिक मसलों की बजाय नोटबंदी तथा इकॉनमी के मसले पर चर्चा की है। इससे पहले भागवत ने होशियारपुर में भी स्वयंसेवकों के साथ चर्चा की थी जिसमें नोटबंदी को लेकर विचार किया गया था। सूत्र बताते हैं कि अधिकतर स्थानों पर संघ को जो फीडबैक आ रहा है उससे केंद्र की मोदी सरकार के प्रति लोगों का रोष साफ तौर पर दिख रहा है। खासकर नोटबंदी लागू करने के दौरान उचित प्रबंधन न किए जाने से लोगों को अधिक परेशानी हो रही है। कभी राशि निकलवाने की सीमा 4000 से 4500 करना लेकिन कभी उसे 2000 कर देना यह जाहिर करता है कि सरकार बिना किसी पुख्ता योजना के काम कर रही है। अब विवाह समारोह के लिए निकलवाए जाने वाले अढ़ाई लाख रुपए की राशि पर भी आर.बी.आई. की नई गाइडलाइंस के कारण मोदी सरकार के खिलाफ लोगों का रोष और बढ़ा है। इन सब चीजों को देखते हुए संघ को चिंता है कि देश को सुधारने की ओर चली मोदी सरकार कहीं अपना ही नुक्सान न कर ले।

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