Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 11:41 AM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने आतंकवादियों द्वारा मारे गए सरकारी कर्मचारियों की विधवाओं के लिए विशेष पारिवारिक पैंशन बहाल कर दी है।
चंडीगढ़/ जालंधर (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने आतंकवादियों के हाथों मारे गए सरकारी कर्मचारियों की विधवाओं के लिए विशेष पारिवारिक पैंशन बहाल कर दी है। मुख्यमंत्री ने आतंकवाद के दौरान मारे गए पुलिस कर्मचारियों के परिवारों को लाल कार्ड स्कीम का लाभ देने बारे भी सहमति दे दी है। वर्ष 2016 में पूर्व अकाली सरकार ने विशेष पैंशन स्कीम बंद कर दी थी तथा कै. अमरेंद्र सिंह ने विधानसभा चुनाव से पूर्व वायदा किया था कि कांग्रेस सरकार बनने पर इस स्कीम को दोबारा बहाल कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि स्कीम के तहत विधवा को उसकी मृत्यु तक पैंशन मिलेगी जबकि इससे पहले विधवा का पुनॢववाह होने तक पैंशन देने का प्रावधान था। शहीद पुलिस कर्मचारियों के परिवारों द्वारा की गई अपील के साथ सहमति प्रकट करते हुए कै. अमरेंद्र सिंह ने भरोसा दिया था कि उन्हें तुरंत प्रभाव से लाल कार्ड दिए जाएंगे जबकि अभी तक केवल आतंकवाद पीड़ित सिविलियन परिवारों को ही लाल कार्ड दिए जा रहे थे। पंजाब पुलिस की बहादुरी व कुर्बानियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में अमन व शांति बहाली में पंजाब पुलिस का अहम योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने शहीद परिवारों से वायदा किया कि हथियारबंद पुलिस में भर्ती, उनके बच्चों की तैनाती गृह जिलों व उनके निकट करने बारे सरकार हमदर्दी से विचार करेगी।
मुख्यमंत्री आज चंडीगढ़ में पंजाब पुलिस हैडक्वार्टर में शहीदी दिवस की पूर्व संध्या पर विशेष रूप से श्रद्धांजलि देने आए थे। कैप्टन ने पुलिस फोर्स के शहीदों को श्रद्धांजलि दी तथा शहीद परिवारों के साथ बातचीत की। राज्य में एस.पी. ओज और होमगार्ड समेत पुलिस के कुल 1600 शहीद परिवारों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके परिवारों की भलाई के लिए सरकार वचनबद्ध है।
शहीद पुलिस मुलाजिमों के परिवारों को पति के अंतिम वेतन के बराबर पैंशन मिलेगी
मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा से कहा कि वह शहीद परिवारों की विधवाओं के लिए विशेष पैंशन योजना को चालू करने बारे जरूरी कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैंशन की राशि कर्मचारी की मौत के समय उसके अंतिम वेतन के बराबर होगी। उन्होंने कहा कि शहीदों की विधवाएं हमारे परिवार का एक हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस मुलाजिम काफी कठिन हालात में काम करते हैं तथा उन्हें 24-24 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है जिससे वह अपने परिवारों से दूर रहते हैं। पुलिस मुलाजिमों को बढिय़ा मकान, स्वास्थ्य संभाल व बच्चों की शिक्षा से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आतंकवादियों के हाथों मारे गए पुलिस मुलाजिमों में से कुछ मुलाजिमों के बच्चों को एक्स ग्रेशिया सहायता तथा नौकरियां पहले ही दे चुकी है। इसे आगे भी जारी रखा जाएगा। अगले कुछ महीनों में सरकार पुलिस मुलाजिमों के लिए कुछ और कल्याणकारी योजनाओं का ऐलान करेगी।
डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने कहा कि न्यूयार्क पुलिस विभाग मुख्यालय में एक दीवार पर शहीदों के नाम लिखे हैं तथा साथ ही शहीदी ज्योति भी जलती है। ऐसा ही पंजाब पुलिस मुख्यालय में किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार, मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, गृह सचिव एन.एस. कलसी, डी.जी.पी. हरदीप सिंह ढिल्लों, डी.जी.पी. इंटैलीजैंस दिनकर गुप्ता, डी.जी.पी. एस.के. तिवारी, आई.पी.एस. सहोता, वी.के. भावरा, जसमिंद्र सिंह, एस.एस. चट्टोपाध्याय, ए.डी.जी.पी. विजीलैंस वी.के. उप्पल, ए.डी.जी.पी. सुरक्षा गौरव यादव व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।