Edited By Updated: 10 May, 2017 02:46 PM
आम आदमी पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन के बाद घमासान और तेज हो गया है।
चंडीगढ़ः आम आदमी पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन के बाद घमासान और तेज हो गया है। चर्चा है कि पंजाब आप में अगले कुछ दिनों में बड़ा धमाका हो सकता है। भगवंत मान को पार्टी का नया प्रधान बनाए जाने के बाद पूर्व कन्वीनर गुरप्रीत सिंह वडैच घुग्गी व सुखपाल सिंह खैहरा के समर्थकों ने धड़ेबंदी तेज कर दी है। ताजा घटनाक्रम में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव विनीत जोशी ने यह कहकर नए समीकरण के संकेत दिए हैं कि आप के 11 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।
मंगलवार को चंडीगढ़ में घुग्घी ने अपने करीबियों के साथ बैठक करके विचार-विमर्श किया कि पार्टी के फैसले को लेकर किस प्रकार से रिएक्ट किया जाए। पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद पार्टी की सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को पंजाब के विधायकों व बड़े नेताओं की पहली बैठक बुलाई थी।
बैठक में ही केजरीवाल ने घुग्घी को कन्वीनर के पद से हटाकर इस पद को खत्म कर प्रधान व उप प्रधान के पदों की घोषणा की। साथ ही नए पदों पर भगवंत मान को प्रधान, अमन अरोड़ा को उप प्रधान व सर्वजीत कौर को विधायक दल का उपनेता बनाने का एेलान किया था।
इसका मौके पर पार्टी के प्रवक्ता व चीफ व्हिप सुखपाल सिंह खैहरा व घुग्घी ने केजरीवाल के इस फैसले का विरोध किया था। घुग्गी ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि पार्टी की हार के कारण का ठीकरा मान के सिर पर फूटना चाहिए, क्योंकि मान चुनाव प्रचार कमेटी के चेयरमैन रहे हैं। वहीं, खैहरा ने भी केजरीवाल के फैसले के विरोध में चीफ व्हिप व प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि मंगलवार को पार्टी के अन्य नेताओं की तरफ से मान को प्रधान बनाए जाने के विरोध में कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है। मंगलवार को घुग्घी ने कुछ विधायकों व बड़े नेताओं के साथ चंडीगढ़ में गुप्त बैठक कर भविष्य की रणनीति तय की। घुग्घी का कहना है कि अभी वह अपनी रणनीति का खुलासा नहीं करेंगे। एक दो दिनों में फैसला लेंगे कि क्या करना है।