Edited By Suraj Thakur,Updated: 24 May, 2019 01:56 PM
आत्मविश्वास, लग्न और सत्ता: दोबारा पीएम बनने के लिए आश्वस्त थे मोदी
जालंधर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीत के प्रति चुनाव से पहले ही आश्वस्त थे। उन्हें आत्मविश्वास था कि वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। चुनाव प्रचार में उनकी लग्न और आत्मविश्वास ने उन्हें फिर सत्ता के शिखर पर पहुंचा दिया। आपको बताने जा रहे हैं कि पीएम मोदी ने 24 फरवरी को 53वीं बार "मन की बात" कार्यक्रम को समाप्त करते हुए कहा था कि वह अगली बार "मन की बात" मई माह के अंतिम रविवार को करेंगे। इस बात का अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है कि वह दोबारा पीएम बनने के लिए पूर्णत: आश्वस्त थे।
मन की बात में मोदी ने कहा था
"मैं लोकसभा चुनाव 2019 के बाद एक नए विश्वास के साथ आपके आशीर्वाद की ताकत के साथ फिर एक बार मन की बात के माध्यम से हमारी बातचीत के सिलसिले का आरंभ करूंगा और सालों तक आपसे मन की बात करता रहूंगा। चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव होता है। अगले दो महीने हम सभी चुनाव की गहमा-गहमी में व्यस्त होगें। मैं स्वयं भी इस चुनाव में एक प्रत्याशी रहूंगा। स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा का सम्मान करते हुए अगली मन की बात मई महीने के आखरी रविवार को होगी।"
कब शुरू हुआ मन की बात
नरेंद्र मोदी ने 2014 में पीएम बनने के कुछ महीनों बाद रेडियो पर "मन की बात" कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके पहले एपिसोड का प्रसारण 3 अक्तूबर, 2014 को हुआ था। जिसके बाद से यह अब तक जारी है। "मन की बात" लोगों को सरकार की योजनाओं से अवगत कराना है। राष्ट्र निर्माण और शासन में आम आदमी का समर्थन पाना भी इस कार्यक्रम का मकसद है। यह कार्यक्रम देश के नागरिकों को सीधे पीएम से सवाल पूछने का मौका देता है। इसके साथ ही नागरिक पीएम को उन क्षेत्रों के बारे में बता सकते हैं जिसका असर आम आदमी पर पड़ता है।
16 वीं लोकसभा के सत्र का आखिरी दिन
13 फरवरी को 16 वीं लोकसभा के सत्र के आखिरी दिन पीएम मोदी ने कहा था कि "आज भारत का अपना आत्मविश्वास बेहद बड़ा है। आज मैं कोई उपलब्धि बताने नहीं आया हूं। लेकिन कई काम इस सदन ने किए हैं। विपक्ष में रहकर भी कई सांसदों ने इसमें अपना योगदान दिया है। हम सबके लिए खुशी की बात है कि आज देश छठे नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया है। आज विश्व की सभी प्रतिष्ठित संस्थाएं भारत के उज्ज्वल भविष्य के संबंध में अपनी संभावनाएं बताती हैं।"
पूर्ण बहुमत की सरकार के पक्षधर हैं मोदी
पीएम मोदी देश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार के पक्षधर हैं। सत्र के आखिरी दिन उन्होंने यह भी कहा था कि "दुनिया में भारत की इज्ज्त बढ़ी है क्योंकि यहां पूर्ण बहुमत वाली सरकार है। पूर्ण बहुमत वाली सरकार का दुनिया में असर ज्यादा होता है। उसका यश मोदी और सुषमा जी को नहीं जाता है, बल्कि 2014 के जनता के निर्णय को जाता है।"