Edited By Suraj Thakur,Updated: 25 Sep, 2019 10:00 AM
तरनतारन ब्लास्ट से पहले खुफिया एजेंसियों ने कर दिया था खुलासा, आतंकी आका 1994 से रह रहे हैं पाकिस्तान में।
जालंधर। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों को एक साथ इकट्ठा करके देश के विभिन्न हिस्सों में आतंक फैलाने की तैयारी कर चुका है। तरनतारन में हुए बम ब्लास्ट में मारे गए दो आतंकियों के तार भी पाक की इसी साजिश से जुड़े हुए हैं। तरनतारन में यह बात सामने आई की यह आतंकवादी बम बनाने की कोशिश कर रहे थे। जबकि खुफिया एजेंसियों ने जुलाई माह में इस बात का खुलासा कर दिया था कि पाकिस्तान में खालिस्तान समर्थकों के करीब दो दर्जन सदस्यों को हथियार चलाने व बम बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। ब्लास्ट के बाद गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चला है कि पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान जिंदा फोर्स (केजेएफ) प्रमुख रणजीत सिंह उर्फ नीटा और खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) प्रमुख परमजीत सिंह पंजवड़ इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यह दोनों संगठन पंजाब के बेरोजगार युवाओं को पैसे का लालच देकर पंजाब को आतंक की गर्त में धकेलने के प्रयास कर रहे हैं।
जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए तोयबा के सदस्य भी ट्रेनिंग में शामिल
तरनतारन से गिरफ्तार किए गए केजेएफ के चार आतंकियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि आईएसआई ने 23 अगस्त से 12 सितंबर के बीच ड्रोन के माध्यम से इन हथियारों की खेप तरनतारन के खेमकरण सेक्टर में उतारी थी। इन आतंकियों से पांच एके-47 राइफल समेत अन्य हथियार बरामद हुए हैं। जबकि बीते 20 जुलाई की मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 20 से 25 खालिस्तानी सदस्यों के साथ जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए तोयबा के 30 नए सदस्यों को भी सामांतर ट्रेंड किया जा रहा था। इन दोनों ग्रुप्स के सदस्यों को एक साथ रखा गया था। हथियारों को पाकिस्तान से भारत पहुंचाने की कार्रवाई आईएसआई शुरू करवा चुकी थी। जबकि ट्रेंड किए जा रहे आतंकियों को बाद में कश्मीर और पंजाब में घुसपैठ करवाना ही पाकिस्तान का मकसद है।
पंजाब में ड्रग्स की तस्करी और आतंक
केजेएफ प्रमुख रणजीत सिंह जर्मन में बैठे आतंकी गुरमीत सिंह बग्गा उर्फ डाक्टर के साथ मिलकर भारत में खालिस्तान का खाका तैयार करने में जुटा हुआ है। जबकि खालिस्तान कमांडो फोर्स प्रमुख (केसीएफ) परमजीत सिंह पंजवड़ भी दोनों के साथ मिलकर पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान खालिस्तान सिख आतंकवादियों का इस्तेमाल कर पश्चिम और दक्षिण-पूर्व एशिया में कालीन निर्यात के जरिए पंजाब में ड्रग्स की तस्करी करवा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान इस काम के लिए सिख आतंकियों का इस्तेमाल करता है, जिसमें केसीएफ चीफ परमजीत पंजवड़ भी शामिल हैं। वह 1994 से लाहौर में रहता है। उसकी पत्नी और दो बेटे जर्मन में हैं।
इन संगठनों से जुड़े हैं आतंकी घटनाओं के तार
पंजाब में पठानकोट एयरबेस और दीनानगर पुलिस थाने में हुए हमले को छोड़कर पंजाब में घटित आतंकी घटनाएं सीधे तौर से खालिस्तान से जुड़ी हुई हैं। दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ कनफ्लिक्ट मैनेजमेंट (आईसीएम) के पोर्टल के डाटाबेस के मुताबिक 2010 से 28 अप्रैल 2019 तक पंजाब में 234 खालिस्तानी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें 42 आतंकियों को 2017 और 16 आतंकियों को 2018 में गिरफ्तार किया गया है। यह आतंकवादी मुख्य रूप से बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई), खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ), भिंडरावाले टाइगर्स के साथ जुड़े हुए हैं। इसके अलावा खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेएफ), खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ), इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ ) के साथ-साथ कुछ छोटे गुटों को 2010 से गिरफ्तार किया गया है।
लश्कर-ए-तोयबा करता है खालिस्तानी आतंकियों की मदद
आईएसआई के निर्देशों पर लश्कर-ए-तोयबा बब्बर खालसा इंटरनैशनल और इंटरनैशनल सिख यूथ फैडरेशन के आतंकवादियों को जम्मू क्षेत्र के माध्यम से भारत में घुसपैठ करने का प्रशिक्षण देती है। हाल ही खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का भी पाकिस्तान पर खास प्रभाव है। गौरतलब है कि पाक ने 2013 में भी इन संगठनों को भारत में आतंकी गतिविधियां तेज करने के लिए कहा था। इस दौरान इंग्लिश न्यूज पेपर 'डेली मेल' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक खुफिया एजेंसी आईबी के एक नोट में कहा गया था कि 'आईएसआई ने सिख आतंकी संगठनों के नेताओं से साफ तौर पर कहा है कि आपको हमारे यहां रहने की कीमत चुकानी होगी। आपको भारत में एक बार फिर आतंकवाद फैलाना होगा।'
भारत की ने थी 20 आतंकवादियों का प्रत्यर्पण की मांग
31 दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले को देखते हुए भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश की और दिसंबर 2002 में पांच सिख आतंकवादियों सहित 20 आतंकवादियों का प्रत्यर्पण करने के लिए कहा। बताया जाता है कि ऐसा न करते हुए पाकिस्तान ने उल्टा इन आंकवादियों को भरोसा दिलाया था कि वे यहां सुरक्षित हैं और भारत की इस मांग को स्वीकार नहीं किया जाएगा। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आईएसआई खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों को भारत में आतंकी हमलों के लिए मजबूर कर रहा है। आईएसआई कई बार इन संगठनों से कह चुकी है कि या तो भारत पर हमला करो या फिर हमारा देश छोड़ दो। भारत ने 2008 में भी पाकिस्तान को इन आतंकियों की सूची पाकिस्तान को सौंपी थी। मगर कोई साकारात्मक परिणाम नहीं निकले।