Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jul, 2017 05:50 PM
कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों द्वारा संसद के केंद्रीय हाल में गत रात्रि जी.एस.टी. को लेकर कार्यक्रम का बायकाट करने का असल मकसद आगामी राज्य विधानसभा चुनावों तथा लोकसभा चुनावों की तैयारियों का संकेत है।
जालन्धर (धवन): कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों द्वारा संसद के केंद्रीय हाल में गत रात्रि जी.एस.टी. को लेकर कार्यक्रम का बायकाट करने का असल मकसद आगामी राज्य विधानसभा चुनावों तथा लोकसभा चुनावों की तैयारियों का संकेत है। इसके साथ ही कांग्रेस व अन्यविपक्षी दलों ने आपसी तालमेल को बढ़ाने के भी संकेत इसके जरिए दिए हैं। चाहे एन.सी.पी., जे.डी.एस. ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया परन्तु इसके बावजूद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आर.जे.डी., डी.एम.के., सी.पी.एम. तथा सी.पी.आई ने मिलकर आपसी एकता बनाए रखी।
कांग्रेस, तृणमूल व वामदलों का मानना था कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जी.एस.टी. लांच कार्यक्रम वास्तव में एक प्रचार घटना मात्र थी। विपक्ष विशेष रूप से कांग्रेस को इस बात को लेकर आपत्ति थी कि केंद्र सरकार ने मध्य रात्रि का समय ही क्यों चुना। कांग्रेस चाहे जी.एस.टी. को लेकर ज्यादा विरोधी नहीं थी परन्तु कार्यक्रम आयोजित करने के समय को लेकर वह ज्यादा प्रखर थी।
विपक्ष का कहना था कि अगर सरकार जी.एस.टी. को लेकर तमाशा कर सकती है तो फिर विपक्ष भी एकजुट होकर उसका विरोध कर सकता है। कांग्रेस का मानना था कि मध्य रात्रि वाले कार्यक्रम अभी तक केवल 3 बार हुए हैं। पहली बार पहले प्रधान पं. जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर केंद्रीय हॉल में अपना संबोधन दिया था उसके बाद आजादी की 25वीं व 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर ऐसे कार्यक्रम हुए। वास्तव में कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों के संकेत दिए हैं तथा आने वाले समय में उसका भाजपा के साथ टकराव बढऩे के संकेत है।कांग्रेस 2019 से पहले भाजपा के खिलाफ एक व्यापक राष्ट्रीय मोर्चा बनाना चाहती है। आने वाले संसद सत्र में भी विपक्ष के बीच में आपसी सहयोग व तालमेल होता हुआ दिखाई देगा।