मायावती भी यू.पी. में कांग्रेस को साथ मिलाकर बड़ा गठजोड़ बनाने के पक्ष में

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Mar, 2018 07:25 PM

maya is also a up in favor of converging the coalition together with congress

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती भी 2019 में होने वाले लोकसभा के आम चुनावों में कांग्रेस को साथ मिलाकर भाजपा के विरुद्ध बड़ा गठजोड़ खड़ा करने के पक्ष में है।

जालंधर (धवन): बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती भी 2019 में होने वाले लोकसभा के आम चुनावों में कांग्रेस को साथ मिलाकर भाजपा के विरुद्ध बड़ा गठजोड़ खड़ा करने के पक्ष में है। मायावती ने यू.पी. में पार्टी कार्यकर्त्ताओं से रू-ब-रू होते समय उक्त संकेत दिए हैं। बसपा तथा समाजवादी पार्टी ने हाल ही में गोरखपुर तथा फूलपुर लोकसभा सीटों के उप चुनाव मिलकर लड़े थे, जिसमें दोनों पार्टियों ने भाजपा को बुरी तरह से धराशायी कर दिया था। 


मायावती ने बातों ही बातों में कार्यकर्त्ताओं से कहा कि अगर सपा व बसपा गठबंधन के साथ कांग्रेस में शामिल होती है तो इस पर बसपा को कोई ऐतराज नहीं होगा, क्योंकि उनकी पार्टी 2019 के लिए भाजपा के विरुद्ध एक बड़ा गठजोड़ बनाने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उप चुनाव में गठजोड़ की सफलता को 2019 में दोहराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर तथा फूलपुर के बाद भाजपा के अंदर बेचैनी पाई जा रही है। मायावती ने कहा कि पार्टी अपने उम्मीदवार जल्द तय करेगी परन्तु उसके लिए उसे सपा तथा कांग्रेस की तरफ देखना होगा। 

 

मायावती ने बातों ही बातों में यह भी संकेत दे दिए कि उनके उम्मीदवार राज्यसभा चुनाव इसलिए हारे हैं, क्योंकि भाजपा सरकार ने राज्य में जमकर सरकारी मशीनरी व धन बल का प्रयोग किया। मायावती द्वारा दिए गए संकेतों से यह स्पष्ट हो गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है। तीनों पार्टियों के मध्य बड़ा गठजोड़ बनाने के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा सीटों की एडजस्टमैंट करना होगा।

 

2014 में लोकसभा चुनाव में बसपा यू.पी. में एक भी सीट जीती नहीं थी, इसीलिए पार्टी का सर्वोच्च नेतृत्व भी बड़ा गठजोड़ बनाने के लिए तैयार है। इससे पहले अभी तक बसपा स्वयं अकेले चुनाव लडऩे की वकालत करती रही है। बताया जाता है कि अगर बड़ा गठजोड़ बनता है तो उस स्थिति में तीनों पार्टियां यह देखेंगी कि 2014 में लोकसभा हलकों में किस पार्टी को कितनी-कितनी वोटें मिली थी। 1996 के बाद बसपा पहली बार गठजोड़ की स्थिति में आएगी। 1996 में बसपा व कांग्रेस के बीच में गठजोड़ हुआ था। यू.पी. में बसपा भाजपा के साथ भी हाथ मिलाती रही है। 

 

राज बब्बर ने भी कहा था-बड़ा गठजोड़ बना तो भाजपा 2 सीटें भी जीत नहीं सकेगी
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व फिल्म अभिनेता राज बब्बर ने भी गत दिनों अपने साक्षात्कार में कहा था कि यू.पी. में अगर कांग्रेस, बसपा तथा समाजवादी पार्टी का गठजोड़ बन गया तो भाजपा उत्तर प्रदेश में 2 सीटें भी जीत नहीं सकेगी। राज बब्बर के बाद अब मायावती ने उक्त संकेत दिए हैं। राज बब्बर भी चाहते हैं कि यू.पी. में बड़ा गठजोड़ बनना चाहिए परन्तु इस बारे में अंतिम फैसला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लिया जाना है। उत्तर प्रदेश कांग्रेसी नेता भी लम्बे समय से सत्ता से बाहर रहे हैं। इसलिए अगर यह गठजोड़ बनता है तो इससे कांग्रेस को भी लाभ होगा चाहे उसे कितनी भी सीटें गठजोड़ होने के कारण क्यों न मिलें।

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