Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jan, 2018 09:04 AM
स्थानीय निकाय विभाग की ओर से स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी और यह यकीनी बनाने के लिए कड़ी मेहनत की जाएगी
चंडीगढ़ (शर्मा): स्थानीय निकाय विभाग की ओर से स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी और यह यकीनी बनाने के लिए कड़ी मेहनत की जाएगी कि पंजाब के अधिक से अधिक शहर स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में देश के सुंदर शहरों में शामिल हो सकें। यह बात स्थानीय निकाय संबंधी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को चंडीगढ़ में पंजाब म्यूनिसिपल भवन में राज्य के समस्त नगर निगमों के कमिश्नरों, क्षेत्रीय डिप्टी डायरैक्टर और कार्यकारी अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक शहर/कस्बे के प्रत्येक वार्ड में एक नोडल अधिकारी यह यकीनी बनाएगा कि उसके अधीन आता क्षेत्र स्वच्छता पक्ष से उत्तम हो और किसी प्रकार की लापरवाही या गंदगी के लिए वह स्वयं जवाबदेह होगा। इसके अलावा नोडल अधिकारियों और उनके अधीन आते स्टाफ के नाम व संपर्क नंबर संबंधित म्यूनिसिपल कार्यालय के नोटिस बोर्ड और विभाग की वैबसाइट पर अपलोड करके सार्वजनिक किए जाएंगे। स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा कि सभी कार्यकारी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सफाई प्रबंधों की निरंतर निगरानी करेंगे और सफाई प्रबंधों संबंधी अपनी रिपोर्ट 15 दिनों के बाद अपने क्षेत्रीय डिप्टी डायरैक्टर को देंगे जो आगे मासिक रिपोर्ट डायरैक्टर को सौंपेंगे।
उन्होंने कहा कि वार्डों की सफाई पर आधारित ग्रेर्डिंग की जाएगी। सफाई कर्मियों के वेतन संबंधी मुश्किलों के हल के लिए उन्होंने घोषणा की कि हर सफाई कर्मी का वेतन उसके खाते में सीधा डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि कई शहरों में सफाई कर्मचारियों की जाली हाजिरी लगाने की प्रथा को रोकने के लिए सफाई कर्मचारियों की बायोमीट्रिक हाजिरी लगेगी। सिद्धू ने अंत में समस्त कमिश्नरों, डिप्टी डायरैक्टरों तथा कार्यकारी अधिकारियों को कहा कि सफाई प्रबंधों संबंधी नोडल अधिकारी तैनात करने के साथ-साथ अन्य प्रबंध पूर्ण कर लें तथा 29 जनवरी के बाद वे स्वयं सभी शहरों/कस्बों के वार्डों का औचक दौरा करके सफाई प्रबंधों का निरीक्षण करेंगे।
मेयरों के चुनाव में दरकिनार करना दिल को लगा
नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार में स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री होने के बावजूद उन्हें पटियाला, जालंधर व अमृतसर नगर निगमों के मेयर चुनाव में कांग्रेस द्वारा दरकिनार रखने का दर्द आखिर सार्वजनिक कर दिया है। चंडीगढ़ स्थित म्यूनिसिपल भवन में विभिन्न नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान सिद्धू ने पत्रकारों के साथ चर्चा में अपना यह दर्द लिखित नोट के रूप में सांझा किया।
इस नोट में कहा गया है कि ‘स्थानीय निकाय विभाग का मंत्री होने के नाते 3 शहरों पटियाला, जालंधर व अमृतसर के नगर निगम मेयरों के चयन में लगभग एक महीने से सरकारी स्तर पर हो रहे किसी भी विचार-विमर्श में मुझे शामिल नहीं किया गया और न ही पार्टी स्तर पर इस मामले में मुझसे कोई सलाह ली गई। मेरे साथ किया गया इस तरह का बर्ताव मुझे बहुत बुरा लगा। यहां तक कि अमृतसर नगर निगम के मेयर के चुनाव से पहले भी मुझे सही ढंग से इसकी बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया जिसके चलते मैं इस बैठक में शामिल नहीं हुआ।