लोकसभा चुनाव 2019: AAP-कांग्रेस गठबंधन की संभावनाएं हुईं खत्म!

Edited By Vatika,Updated: 04 Feb, 2019 10:12 AM

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2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनावी रथ को रोकने के लिए गठबंधन बनाने को आतुर आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के मध्य गठबंधन की संभावनाएं खत्म हो गई हैं जिसके उपरांत अब दोनों पार्टियां दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व अन्य राज्यों में...

जालंधर(चोपड़ा): 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनावी रथ को रोकने के लिए गठबंधन बनाने को आतुर आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के मध्य गठबंधन की संभावनाएं खत्म हो गई हैं जिसके उपरांत अब दोनों पार्टियां दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व अन्य राज्यों में अपने दम पर चुनाव लड़ेंगी।
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पिछले कुछ समय से देश के राजनीतिक गलियारों में खासी चर्चाएं थीं कि ‘आप’ और कांग्रेस का वोट बैंक लगभग एक है, ऐसे में पी.एम. मोदी और भाजपा को हराने के लिए दोनों पार्टियां चुनावी गठबंधन करने जा रही हैं। इस कड़ी में ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल व ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रधान राहुल गांधी दोनों पार्टियों के मध्य गठबंधन करने को आतुर दिख रहे थे। केजरीवाल के विगत समय दिए बयानों से यह साफ संकेत मिल रहे थे कि अब ‘आप’ गठबंधन के लिए तैयार है, दोनों पार्टियों के रिश्तों में आई खटास दूर हो गई लगती है। इसी कड़ी में 30 नवम्बर 2018 को दिल्ली के संसद मार्ग पर किसान आंदोलन के दौरान केजरीवाल और राहुल गांधी एक मंच पर दिखाई दिए थे। यही नहीं, विपक्षी दलों की हुई बैठक में पहली बार केजरीवाल शामिल हुए थे। इसके अलावा दोनों पार्टियों के दिग्गज नेता कई मौकों पर सार्वजनिक मंचों पर कह चुके हैं कि भाजपा को हराने के लिए वे बड़े फैसले करने को तैयार हैं लेकिन अब गठबंधन की संभावनाएं क्षीण होने के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता एकाएक एक-दूसरे पर हमलावर हो गए हैं।
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कैप्टन के ‘आप’ विरोधी तेवरों ने गठबंधन की राह में डाले अड़ंगे

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के ‘आप’ विरोधी तेवरों ने आग में घी डालने का काम करते हुए गठबंधन की राह में कई अड़ंगे डाल दिए। कै. अमरेन्द्र ने हाईकमान को स्पष्ट कह दिया था कि कांग्रेस पंजाब में अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी और ‘आप’ के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। कैप्टन का कहना था कि पंजाब विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है, गुरदासपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में ‘आप’ प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी जबकि स्थानीय निकाय के चुनावों में आम आदमी पार्टी को जनता द्वारा पूरी तरह से नकारा जा चुका है। इसके अलावा प्रदेशभर में ‘आप’ भारी गुटबाजी से जूझ रही है।  
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‘आप’ की पंजाब लीडरशिप ने भी केजरीवाल से जताया था कड़ा विरोध

‘आप’ के पंजाब से सबंधित नेताओं ने भी हाईकमान के समक्ष गठबंधन का कड़ा विरोध जताया था। पार्टी सूत्रों ने बताया कि स्थानीय नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को स्पष्ट कह डाला है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी है और कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी है। ऐसे में अगर पहले और दूसरे नंबर की पार्टियां मिल जाएंगी तो फिर हम वहां किसके खिलाफ राजनीति करेंगे? 
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शीला दीक्षित ने भी कांग्रेस-‘आप’ गठबंधन को सिरे से नकारा

दिल्ली की नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी ‘आप’ के साथ गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से नकार दिया है। शीला ने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दिल्ली की सभी 7 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने दीजिए, उम्मीदवारों की घोषणा भी समय पर हो जाएगी। हम आगामी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री केजरीवाल दोनों को निशाना बनाएंगे, दोनों ही पार्टियां हमारी मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं।  वर्णनीय है कि शीला ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालते ही ‘आप’ के साथ गठबंधन की बात को खारिज कर सबको चौंका दिया था। आगामी लोकसभा चुनावों में अब दिल्ली फतह करना शीला के लिए भी अग्नि परीक्षा के समान होगा क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बेदखल करके ‘आप’ ने ऐसी सत्ता हासिल की थी जिसके उपरांत प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस खिसक कर तीसरे पायदान तक पहुंच गई। यूं तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस एक बार फिर से नई जमीन तैयार करने में जुटी हुई है और पिछले 4 वर्षों में पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा तो है लेकिन अभी भी कांग्रेस दिल्ली में सबसे कमजोर पार्टी मानी जा रही है।

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पंजाब में ‘आप’ के लिए सीटें छोडऩे को तैयार नहीं है कांग्रेस

वहीं दूसरी तरफ दोनों पार्टियों में सबसे बड़ी दिक्कत सामने आई कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सत्ता में है, ऐसे में यहां ‘आप’ को सीटें कांग्रेस को देनी पड़ेंगी। वहीं पंजाब जहां पर कांग्रेस सत्ता में है और आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी है, वहां कांग्रेस आम आदमी पार्टी के लिए सीटें छोडऩे को कतई तैयार नहीं है।
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गठबंधन की संभावनाएं खत्म होते ही ‘आप’ ने कांग्रेस पर बोला हमला

लोकसभा चुनाव में गठबंधन की संभावना खत्म होने के साथ ही आम आदमी पाटी ने कांग्रेस पर हमला बोला है। पार्टी का कहना है कि भाजपा को हराने के लिए ‘आप’ कांग्रेस के साथ समझौता करने को तैयार थी लेकिन कांग्रेस पर घमंड हावी है। इससे अब ‘आप’ ने गठबंधन से किनारा कर लिया है। ‘आप’ का दावा है कि जल्द ही दिल्ली व पंजाब के लोकसभा प्रत्याशियों का ऐलान करेगी। ‘आप’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय का कहना है कि केवल देशहित की खातिर ‘आप’ कांग्रेस का जहर पीने को भी तैयार थी लेकिन जिस तरह से पंजाब व दिल्ली में कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने बयानबाजी की है, उससे गठबंधन की संभावना खत्म हो गई है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन को उन प्रदेशों (यू.पी., दिल्ली) में ’यादा जोर लगाती दिख रही है, जहां पर वह भाजपा के साथ उनकी सीधी टक्कर में नहीं है। कांग्रेस ने यू.पी. में प्रियंका गांधी को उतारा है, इसी तरह से दिल्ली में शीला दीक्षित को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।  

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