Edited By Updated: 06 May, 2017 11:58 AM
आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में शीघ्र ही बदलाव हाेने की संभावना है।
चंडीगढ़ः आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में शीघ्र ही बदलाव हाेने की संभावना है। राज्य में पार्टी नेतृत्व पर भी विचार किया जा रहा है और इस बारे में 8 मई को फैसला हाे सकता है। विधायकों व सूबे के बड़े पदाधिकारियों की बैठक पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल ने 8 मई को दिल्ली में बुलाई है। इस बैठक में पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन से लेकर कार्यकारिणी में बदलाव को लेकर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
उम्मीद की जा रही है कि पंजाब में पार्टी की बागडोर दिल्ली की बजाय पंजाब के नेताओं के हाथ में दी जाए और फैसले लेने का अधिकार भी उन्हीं को दिया जाए। यह भी बताया जाता है कि महत्वपूर्ण मामलों में अंतिम मोहर राष्ट्रीय नेतृत्व ही लगाएगा।
विधानसभा चुनाव में हुई पार्टी की करारी हार के बाद फूट के कगार पर पहुंच चुकी आप में दिल्ली की दखलंदाजी को बंद करने की आवाज उठाई जा रही है। विधानसभा चुनाव से पहले भी यह मुद्दा तेजी के साथ उठा था और केजरीवाल को मजबूरी में चुनाव से कुछ समय पहले खुद पंजाब में रह कर इस मुद्दे को ठंडा करना पड़ा था।
चुनाव के बाद पाटी के पंजाब के नेताओं आैर कई विधायकों ने पार्टी की हार के लिए दिल्ली की लीडरशिप के खिलाफ ने नाराजगी जताई थी। चुनाव के बाद पार्टी की हलका वार हुई बैठकों में दोबारा यह मुद्दा उठाया गया है कि पार्टी में सारे फैसले पंजाब के नेता ही लें और दिल्ली की दखलंदाजी बंद की जाए।
इसके बाद पंजाब प्रभारी संजय सिंह व संगठन प्रभारी दुर्गेश पाठक के इस्तीफे के बाद यह मुद्दा और तेजी के साथ गरम हो गया है कि अब पंजाब का प्रभार किसे दिया जाए। भगवंंत मान व सुखपाल खैहरा के खुलकर पार्टी पर की गई टिप्पणियों ने भी आप में अंदरूनी फूट को उजागर कर दिया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार इन्हीं मामलों को लेकर केजरीवाल ने 8 मई को दिल्ली में सभी विधायकों व बड़े पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। इस बाबत पार्टी के कनवीनर गुरप्रीत सिंह वडै़च घुग्घी का कहना है कि पार्टी की बैठक सोमवार को बुलाई गई है। एजेंडा इतना ही बताया गया है कि पहली बार चुनाव के बाद केजरीवाल विधायकों के साथ बैठक करेंगे। मौके पर पंजाब में पार्टी की भविष्य की सियासत की रूपरेखा नए सिरे तय की जा सकती है।