जापान चाहता है भारत के कचरे से बिजली बनाना,केंद्रीय मंत्री ने भी दिखाई दिलचस्पी

Edited By Anjna,Updated: 25 Apr, 2018 09:11 AM

japan wants to make electricity from india s waste

भारत का मित्र देश जापान भारत में प्रतिवर्ष पैदा होने वाले तकरीबन 62 मिलियन टन कचरे से बिजली पैदा करनी चाहता है। भारत में कचरे को डम्प करने की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है परंतु कोई सार्थक नीति अभी तक केंद्रीय व राज्य सरकारें सामने नहीं ला...

जालंधर (बुलंद): भारत का मित्र देश जापान भारत में प्रतिवर्ष पैदा होने वाले तकरीबन 62 मिलियन टन कचरे से बिजली पैदा करनी चाहता है। भारत में कचरे को डम्प करने की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है परंतु कोई सार्थक नीति अभी तक केंद्रीय व राज्य सरकारें सामने नहीं ला सकीं, जिससे इस कचरे को सही तरीके से निस्तारित या डंप किया जा सके। जापान ने अपनी तकनीक से भारत के कचरे से बिजली उत्पादित करने की पेशकश केंद्र सरकार को की है। 

जानकारी के अनुसार जापान के विश्व मामलों के पर्यावरण मंत्री याशुहोताकाहाशी  ने इस मामले बारे केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के साथ गत दिनों एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें जापान के मंत्री ने भारतीय मंत्री को अपनी तकनीक से अवगत करवाया और बताया कि इस तकनीक के जरिए भारत के कचरे का बड़ा भाग बिजली में परिवर्तित हो सकेगा। जानकारों की मानें तो इस बैठक में कई बड़े शहरों के मेयर, दिल्ली के तीनों निगमों के अधिकारियों के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश और चेन्नई व अन्य शहरों के निगमायुक्त भी मौजूद थे। बैठक में जापान से आए विशेषज्ञों ने मौजूद सभी लोगों को जापानी तकनीक का पूरा ब्यौरा दिया। जानकारों की मानें तो बैठक में चेन्नई से आए निगमायुक्त ने बताया कि अकेले तमिलनाडु में ही प्रतिदिन 12000 मीट्रिक टन कचरा पैदा हो रहा है। इसमें से 4000 मीट्रिक टन अकेले चेन्नई  में पैदा होता है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी जापान की इस तकनीक में रूचि दिखाते हुए उसे भारत में सरकार के नियमों व कानून के मुताबिक काम करने का आमंत्रण किया है। यहां वर्णनीय है कि भारत के शहरों में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाला कचरा लगातार बढ़ता जा रहा है। मामले बारे वातावरण से जुड़े जानकारों का कहना है कि भारत की आबादी 130 करोड़ के पार हो चुकी है, इससे पैदा होने वाले कचरे की विकट स्थिति को बड़े शहरों में ज्यादा परेशानी पैदा करते हुए देखा गया है। गत वर्ष तो दिल्ली के कचरा ढेर में भारी विस्फोट से काफी नुक्सान भी हुआ था। देश के बड़े शहरों में इस कचरे के कारण वातावरण असंतुलित हो रहा है। प्रदूषण की समस्या पैदा हो रही है। देश के शहरों से ही तकरीबन 62 मिलियन टन से अधिक कचरा प्रतिवर्ष पैदा हो रहा है, जिसमें से लगभग 25 टन कचरे का ही निस्तारण हो पाता है। कचरे की इस गंभीर समस्या सेभूमिगत जलस्रोत भी दूषित हो रहे हैं।

जानकार बताते हैं कि भारत में कचरा निस्तारण के लिए कचरे से बिजली पैदा करने की पहल देश में पहले कई जगह हो चुकी है। दक्षिणी दिल्ली में इस तरह का ही एक प्लांट चलाने की जिम्मेदारी दिल्ली के निगम प्रशासन ने जिंदल कंपनी को दी हुई है जबकि पूर्वी दिल्ली में आई. एल. एंड एफ. एस. द्वारा ऐसा ही एक प्लांट चलाया जा रहा है लेकिन अभी तक  किए गए प्रयास नाकाफी हैं जो भी प्लांट अभी तक देश में लगाए गए हैं, वे चीनी तकनीक से काम कर रहे हैं परंतु जानकार बताते हैं कि अगर जापान के साथ इस तकनीक पर काम किया जाता तो इससे भारतीय कचरे की समस्या हल हो सकती है और भविष्य में भारत की कचरे को लेकर पैदा होने वाली दिक्कतों से भी राहत मिल सकती है।

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