Edited By Vatika,Updated: 30 Sep, 2020 09:11 AM
मोदी सरकार से इस्तीफा देने से 10 दिन पहले हरसिमरत बादल ने कृषि कानूनों का समर्थन किया था।
नई दिल्ली: मोदी सरकार से इस्तीफा देने से 10 दिन पहले हरसिमरत बादल ने कृषि कानूनों का समर्थन किया था। इस बारे में 7 सितम्बर को 8 मिनट के एक वीडियो संदेश में हरसिमरत बादल ने कहा था कि हमारी विरोधी पार्टियों ने किसानों को गुमराह करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा और उनके दिमाग में संदेह का बीज बोने का काम किया। पूरे देश में और पड़ोसी हरियाणा तक में एक भी किसान यूनियन ने इसका विरोध नहीं किया है।
पंजाब में कांग्रेस और उसकी बी-टीम ‘आप’ ने किसानों को गुमराह किया है। इससे पहले अकाली दल के सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल ने भी इस संबंध में एक वीडियो संदेश जारी किया था, जिसके बारे में हरसिमरत ने कहा था कि उन्होंने भी आपको इस किसान-हित वाले कानूनों के बारे में बताया है और किसानों से कहा है कि हमारे विरोधियों की बातों से गुमराह मत होइए। यही नहीं, हरसिमरत कौर ने एम.एस.पी. का भी जिक्र किया था और भरोसा देने की कोशिश की थी कि यह पहले की तरह जारी रहेगी। इससे पहले 3 सितम्बर को अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 10 मिनट के वीडियो संदेश में कहा था कि मुझे दुख है कि आज राजनीति ऐसी हो गई है, लोगों का शोषण किया जाता है जैसे कि मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के द्वारा किया जा रहा है। ये जो कानून दिल्ली में जारी हुए हैं...केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक चिट्ठी जारी कर कहा है कि एम.एस.पी. कभी भी नहीं रोकी जाएगी। यह संदेश हरसिमरत कौर के व पार्टी के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी डाला गया था। कृषि कानूनों के पास होते ही शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुखबीर सिंह बादल ने उसका विरोध करना आरंभ कर दिया था।