Edited By Updated: 12 Feb, 2017 09:56 PM
हाल ही में पंजाब के मशहूर कलाकार गुरदास मान का यह गीत गब्बरू पंजाबी नशियां ने मार ते
जलालाबाद(सेतिया): हाल ही में पंजाब के मशहूर कलाकार गुरदास मान का यह गीत गब्बरू पंजाबी नशियां ने मार ते बिलकुल सच्च होता दिखाई दे रहा है क्योंकि पंजाब में फैले नशे के कारोबार ने कई घरों के चिराग बुझाकर रख दिए हैं। भले ही चुनावों के दौरान विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने पंजाब में नशे के कारोबार को पूरी तरह समाप्त करने का बीड़ा उठाया है।
11 मार्च को अभी राज्य में नई सरकार बननी है लेकिन उससे पहले शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने की जिम्मेवारी पूरी तरह पुलिस प्रशासन पर निर्भर है तथा वर्तमान हालात ऐसे हैं कि लाख कोशिशों के बावजूद अभी भी क्षेत्रों के चुनीदा गांवों में हैरोइन और स्मैक के रूप में बिकने वाला नशा लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ करने में लगा है। जो युवा इस नशे के आदि हो चुके हैं उनका ऐसे नशे के जंजाल से निकल पाना संभव नहीं है।
टीके लगाते नौजवान कैमरे को देख भागे
जानकारी अनुसार उपमंडल के गांव सुखेरा बोदला, फलियावाला, महालम में इस समय हैरोइन तथा स्मैक के रूप में नशे की पूडियां बिक रही है। जलालाबाद तथा आस-पास कई शहरों से भी युवक नशे का सेवन करने के लिए उक्त गांवों में पहुंचते हैं।
पंजाब केसरी के पत्रकार ने जब गांव सुखेरा बोदला का जायजा लिया तो गांव के बाहर नहर किनारे कई नौजवान चिट्टे और हैरोइन के टीके लगाते दिखाई दिए कैमरा देख कुछ नौजवान भाग निकले, लेकिन फिर भी कुछ नौजवान कैमरे में कैद हुए जिनसे पूछताछ के बाद साहमने आया कि इस नहर के किनारे भारी संख्या में नौजवान नशे का सेवन करते है, लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है हालांकि ये हैरोइन इन गांवों से ही उन्हें आसानी से मिल जाती है।
एक दिन में एक नौजवान करीब 500 से 1000 रुपए के नशे का सेवन करता है। नौजवान ने बताया कि बीते समय दौरान राजनीतिक पार्टियों में होने वाले इक्ट्ठे में युवाओं को ले जाने के लिए भी नशे का प्रयोग होता रहा है और इसी दौरान वे भी नशे की चपेट में आ गया।
न खाएं तो ऐसा लगता है कि शरीर में जान नहीं:नौजवान
पोस्त नशे का सेवन करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि वे पिछले 10-12 वर्षों पोस्त नशे का सेवन कर रहा है लेकिन पहले जब ये पूडियां 50 रुपए में मिलती थी तो 2-3 दिन एक पूडि से निकल जाते थे लेकिन वहीं ये पूडियां अब 300 से 400 रुपए तक पहुंच गई है और सामान भी मिलावट वाला मिल रहा है। खाना अब छोड़ नहीं सकते और पूडियां खरीदना उनके बस से बाहर होता जा रहा है कि अब वे क्या करें न खाएं तो ऐसा लगता है कि शरीर में जान नहीं और खाने का सोचें तो जेब साथ नहीं देती।
इस गांव में सरेआम मिलता है नशा
गांव के लोगों से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि जलालाबाद का एक सुखेरा गांव ही नहीं बल्कि कई ऐसे गांव है जहां नशा शरेआम मिलता है अपने गांव की दास्तान बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां नशे की वजह कई नौजवान मौत को गले लगा चुके हैं। पुलिस भी इन सरमाएदार लोगों का कुछ नहीं कर पा रही।
इसी तरह एक सेवानिवृत अध्यापक और गांव के कुछ और लोगों ने बताया कि गांव सुखेरा ही नहीं बल्कि फलियांवाला, महालम आदि गांवों में हैरोइन तथा स्मैक की पूडियां मिलती हैं और उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा नशे का सेवन करने वालों को पकड़ा जाता है जबकि इस गोरख धंधे में संलिप्त बड़े लोगों तक पुलिस नहीं पहुंच पाती है। अगर पुलिस चाहे तो नशे के कारोबार पर पूरी तरह अंकुश लगा सकती है।
नशे के सौदागरों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा:डीएसपी शर्मा
इस संबंधी जब स्थानीय डीएसपी अशोक शर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मैंने चुनावों के दौरान ही सब डिवीजन में कार्यभार संभाला है और चुनावों के बाद अभी उन्हें फुरसत मिली है तो अब उनका पूरा ध्यान क्षेत्र में अवैध चल रहे नशे के कारोबार को रोकने पर होगा ओर जल्द ही टीमें बनाकर क्षेत्र के संदिग्ध गांवों में भेजी जाएंगी और वहां नशा बेचने वालों को तुरंत बख्शा नहीं जाएगा।