देश में किसान ऋण माफी के लिए मोदी केंद्र-राज्य कमेटी का गठन करें : अमरेन्द्र

Edited By Vatika,Updated: 18 Jun, 2018 01:21 PM

form national panel on farm debt waiver capt amarinder to pm

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से देश में किसानों के ऋणों को माफ करने के लिए केंद्र-राज्य कमेटी का गठन करने के लिए कहा है। दिल्ली मे आज नीति आयोग की बैठक में भाग लेते हुए कैप्टन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी...

जालन्धर/दिल्ली(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से देश में किसानों के ऋणों को माफ करने के लिए केंद्र-राज्य कमेटी का गठन करने के लिए कहा है। दिल्ली मे नीति आयोग की बैठक में भाग लेते हुए कैप्टन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और बाद में नीति आयोग की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों के ऊपर कृषि ऋण बढ़ता जा रहा है तथा इसे केंद्र सरकार को पहल के आधार पर माफ करना चाहिए।

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उन्होंने कृषि क्षेत्र को लेकर स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को तुरन्त लागू करने की मांग करते हुए कहा कि किसानों को आर्थिक संकट से बाहर निकालने की जरूरत है। कैप्टन ने केंद्र सरकार को राज्यों को अधिक अधिकार देने की वकालत करते हुए कहा कि संघीय ढांचे में इस समय राज्यों के पास आर्थिक संसाधन सीमित हैं। केंद्र सरकार को श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को देखते हुए केंद्रीय सहायता देनी चाहिए ताकि इसे बड़े स्तर पर मनाया जा सके। इसी तरह से उन्होंने अमृतसर में जलियांवाला बाग नरसंहार की शताब्दी को देखते हुए भी केंद्रीय सहायता की मांग की। 2019 पूरे देश के लिए ऐतिहासिक वर्ष है तथा गांधी जी का भी 150वां जन्मदिवस आ रहा है, इसलिए ऐसे कार्यक्रमों को मिलकर मनाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए वन टाइम डिवैल्पमैंट पैकेज की मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान से जुड़े होने के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्याप्त विकास नहीं हो पाया है।

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केंद्र सरकार को बार्डर एरिया डिवैल्पमैंट कार्यक्रम के तहत विशेष ग्रांट जारी करनी चाहिए। कंटीली बाड़ के पार जमीनों को अधिगृहीत करने के लिए भी सरकार को ग्रांट देने की जरूरत है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने नीति आयोग के प्लेटफार्म को एक आदर्श प्लेटफार्म करार देते हुए कहा कि यहां पर आकर राज्य सरकारें केन्द्र के समक्ष अपनी समस्याएं रखती हैं। सीमावर्ती बैल्ट के 30 कि.मी. के घेरे में आते उद्योगों को टैक्सों से छूट दी जानी चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों के रख-रखाव के लिए भी केंद्र को विशेष ग्रांट जारी करनी चाहिए। पंजाब में भूमिगत जल के गिरते स्तर को देखते हुए उन्होंने केंद्र से विशेष सहायता की मांग की। पंजाब जहां देश का पेट भर रहा है, वहीं पर दूसरी तरफ देश की सुरक्षा में भी अहम योगदान दे रहा है इसलिए पंजाब के किसानों का पूरा कर्जा माफ करने का बोझ केंद्र सरकार को स्वयं उठाना चाहिए। पंजाब को गेहूं व धान की चक्र से बाहर निकालने की जरूरत है तथा अब केंद्र सरकार को तिलहन फसलों तथा दालों व मक्के की फसल की खरीद में अपना योगदान देना चाहिए। नाड़ जलाने से प्रदूषण फैलता है और इस पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार को 100 रुपए प्रति किं्वटल अतिरिक्त बोनस धान की फसल पर देना चाहिए।

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मुख्यमंत्री ने केंद्र की प्रायोजित स्कीमों का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी व शहरी विकास के लिए अपनी योजनाओं में तेजी लानी चाहिए तथा राज्यों को तेजी से ग्रांटें देनी चाहिए। पंजाब में सड़क कनैक्टीविटी को बेहतर बनाने के लिए भी केंद्र को अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने दिल्ली से कटरा तक एक्सप्रैस-वे का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने की मांग करते हुए कहा कि इससे भारी संख्या में श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बढ़ती बेरोजगारी का जिक्र करते हुए कहा कि पंजाब सरकार अपने स्तर पर रोजगार मेलों का आयोजन कर रही है और उसने जिलों में रोजगार ब्यूरो का गठन भी किया है परन्तु फिर भी केंद्र को भी इसमें अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने दलित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम को प्रभावी ढंग से लागू करने की केंद्र से मांग की। 

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