डेरा प्रकरण के चलते पंजाब में पहुंचे नुक्सान की राशि 200 करोड़

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Aug, 2017 04:07 PM

due to the dera episode  the amount of damage to punjab reached rs 200 crore

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार कांड में सी.बी.आई अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने तथा उसके बाद 10-10 साल की सजा दिए जाने के कारण पंजाब में पैदा हुए हालात है।

जालंधर  (धवन): डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार कांड में सी.बी.आई अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने तथा उसके बाद 10-10 साल की सजा दिए जाने के कारण पंजाब में पैदा हुए हालात व तनावपूर्ण स्थिति पर काबू पाने का कुल खर्च राज्य सरकार पर 200 करोड़ रुपए का पडऩे का अनुमान लगाया जा रहा है। इसमें सरकार द्वारा सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए अद्र्धसैनिक बलों व सेना की संवेदनशील स्थानों में तैनाती करने पर आने वाला खर्च भी शामिल है तथा साथ ही इसमें शरारती तत्वों द्वारा कुछ स्थानों पर सम्पत्ति को पहुंचाए गए नुक्सान का बिल भी शामिल किया गया है। 


राज्य सरकार ने प्रारंभिक अनुमान लगाया है कि कुल नुक्सान की राशि 200 करोड़ हो सकती है परन्तु यह राशि और बढ़ भी सकती है। सरकारी हलकों ने बताया कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने नुक्सान की भरपाई डेरा सच्चा सौदा से करने का ऐलान किया हुआ है, जिसे देखते हुए जल्द ही राज्य सरकार द्वारा पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में शीघ्र ही राज्य को हुए नुक्सान की सूची बनाकर उनके सामने पेश कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने राज्य के आलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं कि सम्पत्ति को पहुंचे नुक्सान की भरपाई के लिए अधिकारिक तौर पर सूचियां तैयार करके सरकार को सौंपी जाएं। 

 

सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार ने विभिन्न विभागों को डेरा प्रकरण के चलते पहुंचे नुक्सान की सूची तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। सरकारी तौर पर बिल तैयार करने के लिए कहा गया है ताकि उन्हें हाईकोर्ट के सामने पेश किया जा सके। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने भी पिछले दिनों कहा था कि डेरा फैक्टर के चलते हुई ङ्क्षहसा में पहुंचे नुक्सान की भरपाई डेरा सच्चा सौदा से की जाए। डेरा प्रकरण को देखते हुए राज्य में अमरेन्द्र सरकार ने अद्र्धसैनिक बलों की 85 कम्पनियों को तैनात किया था। राज्य में अद्र्धसैनिक बलों की उपस्थिति को 13 दिन हो चुके हैं। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह फिलहाल अद्र्धसैनिक बलों को तुरन्त वापस भेजने के पक्ष में नहीं है क्योंकि उनका मानना है कि जब तक हालात पूरी तरह से तनाव से मुक्त नहीं होते, तब तक अद्र्धसैनिक बलों को राज्य में संवेदनशील स्थानों पर तैनात रखा जाए। इतना जरूर है कि जो जिले संवेदनशील नहीं है, वहां से अद्र्धसैनिक बलों की वापसी जल्द शुरू कर दी जाएगी। 

 

मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने तो डेरा प्रकरण के चलते कुछ वी.वी.आई.पीज से उनकी सुरक्षा को घटाकर सुरक्षा कर्मचारियों को बुलाकर डयूटी पर लगाया था। इसी तरह से पी.आर.टी.सी. ने भी सरकार को सूचित किया है कि उसे बसें न चलाने के कारण दैनिक 5 करोड़ का नुक्सान झेलना पड़ा है। इसी तरह से पंचकूला से डेरा समर्थकों को निकालने के लिए पी.आर.टी.सी. ने 200 बसें भेजीं, जिसका बिल भी सरकार की सूची में शामिल किया जाएगा। सरकार ने अनुमान लगाया है कि डेरा प्रकरण के चलते 52 स्थानों पर छिटपुट ङ्क्षहसा की घटनाएं हुई थीं। 


इसी तरह से कुछ रेलवे स्टेशनों, पावर यूनिट्स तथा इलैस्ट्रीसिटी ग्रिड्स की सम्पत्ति को नुक्सान पहुंचाया गया है। इसी तरह मुख्यमंत्री ने डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा को अलग से किराए पर हैलीकाप्टर उपलब्ध करवाया था ताकि वह संवदेनशील स्थानों पर जाकर कानून व्यवस्था की स्थिति बहाली करवा सके। उनका बिल भी नुक्सान वाली सूची में शामिल रहेगा। 
 

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