Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Feb, 2018 09:20 AM
दिल्ली विधानसभा परिसर में स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर लगाने के मामले में शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के नेता एकमत नहीं हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.पी.सी.) महासचिव व विधायक मनजिन्द्र सिंह सिरसा विधानसभा में टीपू सुल्तान की...
नई दिल्ली(विशेष): दिल्ली विधानसभा परिसर में स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर लगाने के मामले में शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के नेता एकमत नहीं हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.पी.सी.) महासचिव व विधायक मनजिन्द्र सिंह सिरसा विधानसभा में टीपू सुल्तान की तस्वीर लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं। वे टीपू सुल्तान की तस्वीर हटाकर सिख जनरल जस्सा सिंह आहलूवालिया व पृथ्वीराज चौहान की तस्वीर लगाने की मांग कर रहे हैं।
वहीं कमेटी व शिअद बादल के प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. भाई रणधीर सिंह की तस्वीर लगाने के पक्ष में हैं और इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को पत्र लिखा है। कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, कमेटी सदस्य परमजीत सिंह चंडोक, विक्रम सिंह रोहिणी, हरजीत सिंह जी.के., कानूनी विभाग प्रमुख जसविन्द्र सिंह जौली और अकाली नेता विक्रम सिंह लाजपत नगर भी उनकी मांग का समर्थन कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष को लिखे गए पत्र में जी.के. ने टीपू सुल्तान की तस्वीर हटाने को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। दूसरी ओर सिरसा सुल्तान की तस्वीर हटाने को लेकर लगातार मुहिम चला रहे हैं। उनके समर्थन में भाजपा के अन्य विधायक भी हैं। इस बारे में डी.एस.जी.पी.सी. के प्रवक्ता परमिन्द्र पाल सिंह का कहना है कि कमेटी किसी की तस्वीर लगाने के विरोध में नहीं है, वह भाई रणधीर सिंह की तस्वीर लगाने की मांग कर रही है।
कौन थे रणधीर सिंह
भाई रणधीर सिंह देशभक्त, संत कवि, लेखक और गुरबाणी के व्याख्याकार थे। 1914 में वायसराय भवन के विस्तार के लिए गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब की दीवार को गिराने के फरमान और कामागाटामारू जहाज के निहत्थे यात्रियों पर गोली चलाने के खिलाफ उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से टक्कर ली थी। जेल यात्रा के दौरान 42 पुस्तकें लिखी थीं। सिख स्वरूप को छोड़कर जेल में शहीद भगत सिंह से मिलने से इंकार कर दिया था। यही कारण है कि भगत सिंह अपनी फांसी से पहले सिख स्वरूप में आ गए थे।