भ्रष्टाचार में फंसे नेताओं के लिए रैड कार्पेट बिछा रही भाजपा

Edited By Naresh Kumar,Updated: 26 Jun, 2019 11:30 AM

corrupt leaders

भ्रष्टाचार के मामले में केंद्र सरकार और बतौर पार्टी भाजपा के स्टैंड में अंतर साफ नजर आ रहा है। हाल ही में टी.डी.पी. के 2 नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, लेकिन भाजपा ने भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों को दरकिनार करके दोनों राज्यसभा सांसदों को...

जालंधर(नरेश): भ्रष्टाचार के मामले में केंद्र सरकार और बतौर पार्टी भाजपा के स्टैंड में अंतर साफ नजर आ रहा है। हाल ही में टी.डी.पी. के 2 नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, लेकिन भाजपा ने भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों को दरकिनार करके दोनों राज्यसभा सांसदों को पार्टी में शामिल करवाया है।

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इन दोनों को पार्टी में शामिल किए जाने से 1-2 दिन पूर्व ही केंद्र की सरकार ने  कस्टम और एक्साइज विभाग के 15 अफसरों को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण जबरन रिटायर कर दिया था । इन अफसरों की रिटायरमैंट से पूर्व वित्त मंत्रालय ने आयकर विभाग के 12 सीनियर अफसरों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया था।  भ्रष्टाचार को लेकर सरकार का स्टैंड इस कदर स्पष्ट दिखाया गया कि इन अफसरों को नोटिस तक देने का मौका नहीं दिया गया लेकिन दूसरी तरफ  पार्टी में ऐसे तमाम नेताओं को शामिल किया जा रहा है जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

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चौधरी और सी.एम. रमेश को आंध्र का माल्या बताया था
टी.डी.पी. संसदों को राज्यसभा की एथिक्स कमेटी में शामिल किए जाने के फैसले पर भाजपा के नेता जी.वी. नरसिम्हा राव ने पिछले साल 8 नवम्बर को कमेटी के चेयरमैन नारायण लाल पांचरीया को पत्र लिखकर इन दोनों सांसदों की आर्थिक गड़बडियों की शिकायत की थी और दोनों नेताओं पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के गबन के आरोप लगाए थे। नरसिम्हा राव ने अपने पत्र में वाई.एस. चौधरी द्वारा बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के साथ की गई गड़बडिय़ों का हवाला देते हुए लिखा था कि एन्फोर्समैंट डिपार्टमैंट की जांच में उनकी कंपनी द्वारा 5700 करोड़ रुपए सेल कंपनजी को ट्रांसफर किए जाने की बात सामने आई थी। इस पत्र में भाजपा ने दोनों को आंध्र प्रदेश के विजय माल्या बताया था।

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जी. माधवन नायर

  • इसरो के पूर्व चेयरमैन रहे हैं।
  • 578 करोड़ रुपए के फंड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है।
  • 16 मार्च 2015 को नायर के खिलाफ   एफ.आई.आर. दर्ज।
  • 23 दिसम्बर 2017 को इस मामले में अदालत ने जमानत दी।
  • अक्तूबर 2018 में भाजपा ज्वाइन की।

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मुकुल रॉय

  • तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रहे हैं।
  • सी.बी.आई. ने 2014 में चिट फंड घोटाले में मामला दर्ज किया।
  • जनवरी 2015 में मुकुल रॉय से घोटाले में पूछताछ।
  • 3 नवम्बर 2017 को मुकुल रॉय ने भाजपा ज्वाइन की।
  • 5 फरवरी 2019 को सी.बी.आई. ने मुकुल रॉय के खिलाफ  प्रमाण न होने की बात कही।

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   हेमंत बिस्वा सरमा

  • शारदा चिट फंड घोटाले में आरोपी हैं।
  • असम में तरुण गगोई की सरकार में मंत्री रहे हैं।
  • शारदा घोटाले में सी.बी.आई. पूछताछ कर चुकी है।
  • अगस्त 2015 में भाजपा ज्वाइन की।सी.एम. रमेश
  • टी.डी.पी. के सांसद और चंद्रबाबू नायडू के करीबी रहे हैं।
  • इनकी कंपनी आर.पी.पी.एल. पर 74 करोड़ रुपए के गलत ट्रांजैक्शन के आरोप हैं।
  • इसी कंपनी पर गलत तरीके से 25 करोड़ रुपए की अदायगी के भी आरोप हैं।
  • पिछले साल अक्तूबर में आयकर विभाग ने इनके 12 कार्यालयों पर छापे मारे थे।

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वाई.एस. चौधरी

  • बैस्ट एन्ड क्रांप्टन इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी के मालिक हैं।
  •  कंपनी पर 2017 में आंध्रा बैंक से 71 करोड़ रुपए गबन का आरोप।
  •  नवम्बर 2018 में 5700 करोड़ रुपए के अन्य कथित घोटाले  में ई.डी. के छापे।
  •  अप्रैल 2019 में ई.डी. ने 315 करोड़ की संपत्ति अटैच की।1 जून को आंध्रा बैंक मामले में सी.बी.आई. के छापे।

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