Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 05:34 AM
केन्द्र सरकार ने गेहूं, चना और मसूर दालों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर किसानों को बड़ी राहत दी है। महंगाई की मार से परेशान किसानों को इस फैसले से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। केन्द्र सरकार ने गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) 110...
नई दिल्ली/चंडीगढ़ : केन्द्र सरकार ने गेहूं, चना और मसूर दालों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर किसानों को बड़ी राहत दी है। महंगाई की मार से परेशान किसानों को इस फैसले से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। केन्द्र सरकार ने गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) 110 रुपए, चने का 400, मसूर का 300 तथा सरसों का 300 रुपए बढ़ाने की घोषणा की है।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि वर्ष 2017-18 के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 110 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1735, मसूर का 300 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 4250, चने का 400 रुपए बढ़ाकर 4400 और सरसों का 300 रुपए बढ़ाकर 4000 रुपए किया गया है। जौ के समर्थन मूल्य में 85 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है जो अब बढ़कर 1410 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। इनके अलावा सूरजमुखी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 4100 रुपए निर्धारित किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन फसलों का उत्पादन बढ़ाने और कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आॢथक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आज 2017-18 के लिए पूरी रबी की फसल हेतु एम.एस.पी. की मंजूरी दी। एम.एस.पी. वह मूल्य होता है जिस पर सरकार किसानों से खाद्यान्न की खरीद करती है। कीमतों में यह वृद्धि कृषि मूल्य एवं लागत आयोग की सिफारिशों के अनुरूप है।
भारतमाला सहित 7 लाख करोड़ की परियोजनाएं भी मंजूर
मंत्रिमंडल ने अगले 5 साल में भारतमाला परियोजना सहित 80,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्ग के विकास के लिए 7 लाख करोड़ रुपए मूल्य की राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। भारतमाला सरकार की वृहद योजना है और यह एन.एच.डी.पी. के बाद दूसरी सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है। इसका मकसद सीमावर्ती और अन्य क्षेत्रों में संपर्क व्यवस्था में सुधार लाना है।
कैप्टन बोले-बढ़ा समर्थन मूल्य ‘ऊंट के मुंह में जीरा’
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई बढ़ौतरी को ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ करार देते हुए इसे ठुकरा दिया है तथा मांग की है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप एम.एस.पी. में बढ़ौतरी की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि गेहूं की एम.एस.पी. में 110 रुपए तथा दालों की एम.एस.पी. में 200 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ौतरी किसानों से क्रूर मजाक है। उन्होंने कहा कि गेहूं तथा दालों की पैदावार बढ़ाने के लिए जरूरी है कि किसानों को उनकी पैदावार की लागत के अनुसार भुगतान किया जाए क्योंकि इस समय किसान ऋणों के जाल में बुरी तरह से फंसे हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि वह पंजाब सरकार की उन सिफारिशों को अमल में लाएं जिसमें सरकार ने फसल की नाड़ को न जलाने वाले किसानों को धान की एम.एस.पी. पर 100 रुपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त बोनस देने की मांग की थी। केंद्र तथा राज्य सरकारों को तुरन्त मिल कर कृषि संकट का हल ढूंढना होगा।