31,000 करोड़ के CCL गैप को सैटल करने हेतु मुख्यमंत्री ने मोदी व पासवान को पत्र लिखा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Apr, 2018 05:23 PM

ccl of 31 000 crores amarinder files letter to modi and paswan to set up gap

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान को पत्र लिख कर 31,000 करोड़ के सी.सी.एल. (कैश क्रैडिट लिमिट) गैप को सैटल करने का आग्रह किया है।

जालन्धर  (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान को पत्र लिख कर 31,000 करोड़ के सी.सी.एल. (कैश क्रैडिट लिमिट) गैप को सैटल करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में सांझेदारी उत्तरदायित्व के सिद्धांत पर अमल करने के लिए कहा है। 31,000 करोड़ का गैप पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के समय पैदा हुआ था। राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस गैप की राशि को दीर्घकालीन ऋण में तबदील कर दिया था। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी व केंद्रीय मंत्री पासवान को अळग-अलग पत्र लिखे हैं। पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि ढांचागत व सैंद्धातिक कारणों से सी.सी.एल. में पैदा हुए 31,000 करोड़ के गैप को सांझेदारी उत्तरदायित्व के सिद्धांत के तहत हल किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले भी यह मामला केंद्र के सामने उठाया था। 


 मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि 15 जनवरी 2018 को भारत सरकार के व्यय सचिव के साथ बैठक हुई थी जिसमें बैंकिंग, खाद्य व आपूॢत, जी.ओ.आई. तथा पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था जिसमें 31,000 करोड़ के सी.सी.एल. गैप को लेकर चर्चा हुई थी परन्तु उसके बावजूद अभी तक कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकला है। 

 

पासवान को भेजे पत्र में मुख्यमंत्री ने वैट की लम्बित राशि को रिलीज करने का मामला उठाते हुए कहा कि बोरियों पर आई वास्तविक लागत को ध्यान में रखते हुए केंद्र को बकाया राशि का भुगतान पंजाब को करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने 26 मार्च को भेजे पत्र के बारे में पासवान को कहा कि राज्य की खरीद एजैंसियों को वैट की बकाया 952 करोड़ की राशि रिलीज की जानी चाहिए। पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष की वैट राशि का भुगतान राज्य की खरीद एजैंसियों को इसलिए नहीं किया गया था क्योंकि  केंद्र के पास उस समय फंड नहीं थे। एफ.सी.आई. ने भी स्वीकार किया है कि राज्य की खरीद एजैंसियों द्वारा भुगतान किए गए वैट की राशि केंद्र को वापस रिलीज करनी चाहिए क्योंकि फंड रिलीज करने में हो रही देरी के कारण राज्य की खरीद एजैंसियों को अन्य संसाधनों से इस गैप को भरना पड़ रहा है। पत्र में मुख्यमंत्री ने बोरियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसे लेकर भी बकाया राशि का भुगतान राज्य की खरीद एजैंसियों को किया जाए क्योंकि अभी बोरियों को खरीदने पर फंडों का प्रबंध बैंकों से अल्पकालीन ऋण लेकर किया गया था। इस बीच राज्य की मंडियों में अभी तक कुल 44.63 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि वीरवार को ही अकेले राज्य की मंडियों में 10 लाख टन गेहूं आया। किसानों को अब तक सरकार द्वारा 3456 करोड़ की राशि का भुगतान गेहूं बेचने के बदले किया जा चुका है। 
 
 
जाखड़ ने 31,000 करोड़ के स्कैंडल का मामला उठाया था
पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने विपक्ष में रहते समय अकाली सरकार के समय हुए 31,000 करोड़ के खाद्य स्कैंडल का मामला उठाया था तथा कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने भी उसकी हिमायत की थी। सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ने यह मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली के सामने उठाया। केंद्र द्वारा इस राशि को ऋण में तबदील कर देने से इसका सारा बोझ पंजाब सरकार पर पड़ गया है। दूसरी तरफ सुनील जाखड़ ने कहा है कि पूर्व अकाली सरकार के समय घोटाला हुआ था तथा इसकी भरपाई केंद्र सरकार को करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले को लेकर चुप नहीं बैठेगी क्योंकि इसका बोझ अगर पंजाब सरकार पर डाला जाता है तो सीधे तौर पर यह बोझ राज्य की जनता पर ही पड़ेगा। 31,000 करोड़ के खाद्य स्कैंडल की उच्च स्तरीय जांच करवाई जानी चाहिए।
                
 
   

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