Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Mar, 2018 11:24 AM
पंजाब में कैप्टन सरकार की विफलताओं के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी 18 मार्च से प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करने जा रही है। इसकी शुरूआत जालंधर से हो रही है। इसके बाद सभी जिलों में सरकार की नाकामियों को उजागर किया...
नई दिल्ली (ब्यूरो): पंजाब में कैप्टन सरकार की विफलताओं के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी 18 मार्च से प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करने जा रही है। इसकी शुरूआत जालंधर से हो रही है। इसके बाद सभी जिलों में सरकार की नाकामियों को उजागर किया जाएगा।
कार्यकत्र्ता हर जिले में धरना और प्रदर्शन करेंगे। भाजपा के राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि पंजाब सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है। किसी भी क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ है। यहां तक कि जो काम चल रहा था उसे भी बंद कर दिया गया। राज्य में न तो युवाओं को रोजगार मिला और न ही गरीबों को छत। पंजाब में तो अफसरशाही शासन है। मुख्यमंत्री कुछ कहते हैं और उनके मंत्री एवं विधायक उनके उलट। श्वेत मलिक ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस सरकार को एक साल हनीमून पीरियड के लिए दे दिया लेकिन अब काम दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता की आवाज बनकर जनता की अदालत में जाएगी और सरकार के एक-एक काम का हिसाब मांगेगी। भाजपा सांसद ने एक साल की विफलताओं के बदले कैप्टन सरकार से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि राज्य में अलोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फैंकेंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद श्वेत मलिक ने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार का 16 मार्च को एक साल पूरा हो गया। ये 12 माह विश्वासघात, धोखा, अत्याचार, प्रजातंत्र का गला घोंटने के रहे। उन्होंने कहा कि कैप्टन ने चुनाव से पहले जनता के बीच जो भी घोषणाएं की थीं उनमें से एक भी पूरी नहीं हुई। पंजाब में आज भी नशा बिक रहा है।
कैप्टन ने कहा था कि एक माह में नशा खत्म हो जाएगा। इसका खुलासा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र के अपने ही विधायक सुरजीत सिंह धीमान कर रहे हैं। वह स्पष्ट तौर पर कांग्रेसी नेताओं, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का नाम ले रहे हैं। इसी प्रकार विकास कार्यों के लिए आबंटित राशि को वापस बुला लेने के कारण से ग्रामीण व शहरी इलाकों में विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। व्यवसायी 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली दर का इंतजार कर रहे हैं। सांसद श्वेत मलिक ने कहा कि सबसे अधिक बुरा हाल किसानों का है जिनकी आत्महत्याओं की दर हर माह बढ़ती जा रही है। चुनाव में वायदा पूर्ण कर्ज माफी का था लेकिन सरकार बनने के बाद घोषणा की 2 लाख तक की।