Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Aug, 2017 12:25 AM
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनाव संबंधी कानूनों में संशोधन कर विदेशों में रहने वाले भारतीयों को ....
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनाव संबंधी कानूनों में संशोधन कर विदेशों में रहने वाले भारतीयों को प्रॉक्सी मतदान की सुविधा उपलब्ध करवाने संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। विदेशों में रहने वाले भारतीय मतदान कर सकें इसलिए प्रॉक्सी मतदान को अन्य साधनों के रूप में शामिल करने के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन की जरूरत होगी। वैसे तो अप्रवासी भारतीय और विदेशों में बसे भारतीय उन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान कर सकते हैं जहां उनका पंजीकरण हैं लेकिन इस प्रस्ताव के मुताबिक अब उन्हें प्रॉक्सी के विकल्प के इस्तेमाल की भी इजाजत होगी। यह विकल्प अभी तक सैन्य कर्मियों को ही उपलब्ध है।
इस मुद्दे पर काम कर रही चुनाव आयोग के विशेषज्ञों की एक समिति ने वर्ष 2015 में विदेशों में बसे भारतीयों को प्रॉक्सी मतदान की सुविधा उपलब्ध करवाने की खातिर चुनाव संबंधी कानूनों में संशोधन के लिए कानून मंत्रालय को कानूनी रूपरेखा भेजी थी। आंकड़े बताते हैं कि महज दस हजार से बारह हजार अप्रवासी भारतीयों ने ही मतदान किया क्योंकि वे यहां आने का खर्च नहीं उठाना चाहते थे।
बात दें, वर्ष 2010 में अप्रवासी भारतीयों को वोट देने का अधिकार दिया गया, लेकिन एक बड़ी खामी रह गई। वोट देने के लिए उन्हें संबंधित मतदान केंद्र पर उपस्थित होना आवश्यक था। मताधिकार पाने के बाद से आंकड़े दर्शाते हैं कि केवल दस हजार से 12 हजार अनिवासी भारतीयों ने वोटिंग की। केवल वोट देने के लिए हजारों डॉलर खर्च कर आना व्यवहारिक नहीं था। इसके चलते सर्वोच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की गईं। वहीं चुनाव आयोग ने इस पर एक समिति गठित की। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह ई-बैलेट अथवा प्रॉक्सी वोटिंग के जरिए संभव है। गौरतलब है कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए दो हफ्ते समय दिया था।