Edited By swetha,Updated: 23 Oct, 2018 10:14 AM
पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को क्रिकेट की पिच से सियासत में लाने वाली भाजपा अब उनके खिलाफ ऐसी प्लानिंग तैयार कर रही है, जिससे उनको मात दी जा सके। उसी भाजपा कार्यालय में कभी सिद्धू की तूती बोला करती थी।
अमृतसर (स.ह.): पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को क्रिकेट की पिच से सियासत में लाने वाली भाजपा अब उनके खिलाफ ऐसी प्लानिंग तैयार कर रही है, जिससे उनको मात दी जा सके। उसी भाजपा कार्यालय में कभी सिद्धू की तूती बोला करती थी। भाजपा हाईकमान ने ‘सिद्धू दंपति’ के खिलाफ फतवा जारी करते हुए हर जिला के भाजपा प्रधानों को आदेश दिए हैं कि वो रावण दहन पर हुए रेल हादसे को ‘मुखर’ करने के लिए रैलियां करें और सिद्धू के पुतले शहर के मुख्य स्थानों पर जलाए जाएं। अमृतसर में भी इस आदेश का पालन करते हुए जिला भाजपा प्रधान आनंद शर्मा ने हाल गेट के बजाए खन्ना स्मारक के बाहर सिद्धू का पुतला जला चुके हैं।
अमृतसर की बात करें तो 2019 चुनाव के पहले ‘आनंद’ से बैठी भाजपा को मुद्दा तो मिला है, लेकिन इस मुद्दे पर भाजपा खुद ही एकजुट नहीं है। इस सवाल पर जिला प्रधान आनंद शर्मा कहते हैं कि भाजपा एकजुट है। कल जब सिद्धू का पुतला जलाया गया तो मैं वहां पर मौजूद था। मैंने वहां सेल्फी भी ली है। भाजपा हादसे के जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने की मांग पहले दिन से ही कैप्टन सरकार से कर रही है।
‘सिद्धू’ के बजाय पंजाब सरकार’ को कोस रहे हैं भाजपा के कई दिग्गज
भाजपा हाईकमान से सिद्धू दंपति के खिलाफ फतवा जारी हुआ है, लेकिन दूसरी तरफ भाजपा के कई दिग्गज सिद्धू दंपति के बजाए पंजाब सरकार को कोस रहे हैं। लाशों पर सियासत हो रही है। वहीं, कैप्टन सरकार भी इस मामले में 4 हफ्ते में रिपोर्ट मांग कर चुप बैठ गई है। भाजपा-अकाली ने मिलकर सिद्धू का पुतला फूंक दिया, लेकिन एकजुट होकर बगावत की आग में कौन-कौन भाजपा के चेहरे एक साथ होंगे, यह कोई नहीं जानता। ऐसे में, यह भी सच है कि रावण दहन पर हुई मौतों के पीछे सियासत इतनी गिर गई है कि राजनैतिक पार्टीयां शह और मात का खेल खेलने लगी है।
भाजपा में कौन हैं सिद्धू के जासूस?
पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू जब भाजपा में थे, तब उनकी नजदीकियां तमाम ऐसे चेहरों से थी जो आज उनके खिलाफ सियासती बगावत कर रहे हैं। लेकिन कुछ चेहरे आज भी हैं, जो उनके लिए काम कर रहे हैं। सिद्धू के ‘जासूस’ भाजपा में हैं जो हर खबर उन तक पहुंचा रहे हैं। ऐसे कुछ शुभचिंतक हैं जो उन्हें पार्टी की गतिविधियों से रू-ब-रू करवाते हैं। इन्हीं सवालों पर जिला भाजपा प्रधान आनंद शर्मा कहते हैं कि भाजपा एकजुट है, जो पार्टी का गद्दार है, वही ऐसा कर सकता है।
सिद्धू के लपेटे से कांग्रेस भी 2 फाड़!
सिद्धू दंपति के 100 दोस्त होंगे तो 100 दुश्मन भी। सियासत में यह सब चलता है। सिद्धू दंपति रेल हादसे के बाद जहां अपने चहेते मिट्ठू के चलते सुर्खियों में हैं, वहीं आज नवजोत कौर सिद्धू ने भी कह दिया है कि आयोजक सामने आकर बताएं कि एन.ओ.सी. है या नहीं। इसी बीच, आयोजनकर्ता मिट्ठू मदान के वायरल वीडियो में अपना पक्ष रखने को लेकर राजनीति हो रही है।कांग्रेस का एक धड़ा ऐसा भी है जो घटना पर अफसोस जताता है और कड़े शब्दों में आयोजकों के बहाने चीफ गेस्ट मैडम सिद्धू पर निशाना साध रहा है कि आखिर मिट्ठू को एन.ओ.सी. किसने दी। ऐसे में, लाशों पर सियासत करने वालों में कांग्रेसी भी हैं और भाजपाई व अकाली भी।