कैप्टन से नाराज विधायक अब बाजवा के संपर्क में

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 10:36 AM

angered mla from captain is now in touch with bajwa

पंजाब में कांग्रेस की राजनीति में जल्द ही बड़ा भूचाल आने वाला है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की कार्यप्रणाली से नाराज विधायकों में लगातार सरकार के प्रति रोष पनप रहा है। कैप्टन से नाराज विधायक अब पाला बदलने की तैयारी में हैं। इनमें कई...

जालंधर (रविंदर शर्मा): पंजाब में कांग्रेस की राजनीति में जल्द ही बड़ा भूचाल आने वाला है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की कार्यप्रणाली से नाराज विधायकों में लगातार सरकार के प्रति रोष पनप रहा है। कैप्टन से नाराज विधायक अब पाला बदलने की तैयारी में हैं। इनमें कई सीनियर नेता भी हैं, कुछ वे विधायक भी हैं जो 3 से 4 बार जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं। 

 


कैप्टन का साथ छोड़कर ये विधायक पूर्व प्रदेश कांग्रेस प्रधान व राज्यसभा मैंबर प्रताप सिंह बाजवा के खेमे में जाने की तैयारी कर रहे हैं। विधायकों में लगातार पनप रहे रोष के कारण बाजवा ने भी पंजाब में अपनी सक्रियता और गतिविधियां बढ़ा दी हैं। दरअसल विधायकों में रोष इस बात का है कि पहले तो कैप्टन ने अपने मंत्रिमंडल का 11 महीने बीत जाने के बाद भी विस्तार नहीं किया है। दूसरा विधायकों में इस बात का रोष है कि उन्हें विकास कामों के लिए न कोई फंड मिल रहा है और न ही ब्यूरोक्रेसी उनकी कोई बात सुन रही है। कई बार मुख्यमंत्री को शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 

 


सबसे बुरी स्थिति तो यह है कि जब कोई विधायक अपने हलके का काम लेकर मुख्यमंत्री के पास जाता है तो वह विधायकों से मिलते ही नहीं है और बात सुनने के लिए विधायकों को ब्यूरोक्रेसी के पास भेज देते हैं। विधायकों में लगातार पनप रहा यह रोष अब आगामी कुछ दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद और तीखा हो सकता है। जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल जाएगी, वे तो शांत होकर बैठ जाएंगे और सत्ता का सुख भोगेंगे। वहीं जिनको मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी, वे खुले तौर पर कैप्टन के विरोध में उतर सकते हैं।

 

जनता के लगातार बढ़ते दबाव के बाद विधायकों पर भी लगातार अपने हलके में अपनी साख को बचाने का प्रैशर बना हुआ है। ऐसे में कैप्टन से नाराज विधायक बाजवा का साथ पाने की तैयारी में हैं। कांग्रेस के अंदरूनी हलकों में यह राजनीतिक चर्चा ने बेहद तेजी पकड़ ली है। बाजवा भी इन विधायकों को साथ लेकर राहुल गांधी के दरबार में हाजिरी लगा सकते हैं। अभी कांग्रेस के पास 77 विधायक हैं, जिनमें सिर्फ 9 को ही मंत्रिमंडल में जगह मिली है और 8 और विधायक मंत्रिमंडल में एडजस्ट किए जा सकते हैं। इसके बाद भी 60 विधायकों में से अगर बाजवा गुट ने 30 विधायक भी अपने साथ मिला लिए तो यह कैप्टन के लिए खतरे की घंटी होगा और इससे पंजाब की राजनीति में बड़ा भूचाल आ सकता है। 

 

समय-समय पर सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते रहे हैं बाजवा
सांसद प्रताप सिंह बाजवा लगातार कैप्टन सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहे हैं। अकाली दल के नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से जहां बाजवा नाराज चल रहे हैं, वहीं जनता का कोई काम न होने को लेकर भी वह सरकार से खुश नहीं है। यही नहीं, मैडीकल कालेज को संगरूर की बजाय गुरदासपुर में शिफ्ट करवाने को लेकर भी बाजवा ने हमला तीखा कर दिया है। यह सब बाजवा की कैप्टन पर भारी पडऩे की राजनीति का ही एक हिस्सा है। 

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