अडानी का पंजाब में ये प्रोजैक्ट बंद करने का निर्णय, 400 लोगों की नौकरी पर लटकी तलवार

Edited By Vatika,Updated: 31 Jul, 2021 07:47 PM

adani s decision to stop this project in punjab

सात महीने से किसानों के चल रहे धरना प्रदर्शन की वजह से अडानी ग्रुप ने पंजाब के किला रायपुर स्थित अपने आई.सी.डी. परिचालन को बंद करने का निर्णय लिया है।

चंडीगढ़: सात महीने से किसानों के चल रहे धरना प्रदर्शन की वजह से अडानी ग्रुप ने पंजाब के किला रायपुर स्थित अपने आई.सी.डी. परिचालन को बंद करने का निर्णय लिया है। ग्रुप ने इस सम्बन्ध में कल पंजाब तथा हरियाणा उच्च न्यायालय में अपना हलफनामा दाखिल किया और कहा कि इन सात महीनो में राज्य सरकार की तरफ से उसे कोई भी सुरक्षा तथा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है। ग्रुप ने वर्ष 2017 में सरकार द्वारा चलाई गयी एक खुली और प्रतिस्पर्धात्मक बोली के तहत पंजाब के लुधियाना के किलारायपुर में 80 एकड़ में एक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पाकर (आईसीडी किलारायपुर) की स्थापना की थी।

 इस लॉजिस्टिक्स पार्क का उद्देश्य लुधियाना और पंजाब के अन्य जगहों पर स्थित उद्योगों को, रेल और सड़क के माध्यम से कार्गो आयात और निर्यात की सेवाएं प्रदान करना था। लेकिन जनवरी 2021 से प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर आईसीडी किलारायपुर के मेन गेट की नाकेबंदी कर दी और माल की आवाजाही, लोगों के आने-जाने में रुकावटें पैदा करना शुरू कर दिया।

 गौरतलब है कि पिछले सात महीनो में इस पार्क से कोई भी व्यावसायिक कार्य नहीं हो पाया है, लेकिन अडानी ग्रुप ने लोगों की तनख्वाह को चालू रहने दिया तथा संस्थान के मेंटेनेंस का खर्चा भी उठाती रही। इस दौरान कंपनी ने पुलिस अधिकारियों से भी कई बार शिकायत की और अंतत: मार्च में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया।

न्यायालय के आदेशनुसार राज्य सरकार के अधिकारियों ने न्यायालय के समक्ष कई बार स्टेटस रिपोटर् दायर की लेकिन नाकाबंदी हटाने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। 20 जुलाई, 2021 को हुई पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने एक बार फिर राज्य के वकील को निर्देश दिया था कि वह इस समस्या का समाधान निकालने के लिए अगली तारीख यानी 30 जुलाई, 2021 को न्यायालय को अवगत कराएं। 

सूत्रों के अनुसार कंपनी ने कल दायर किये गए हलफनामे में यह भी कहा की राज्य सरकार नाकाबंदी हटाने में विफल रहा है और न्यायालय भी इस मुद्दे का कोई निर्णय नहीं ले पा रहा जिसकी वजह से याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का भी हनन हो रहा है।  इसके बाद उसने इस आईसीडी को बंद करने का निर्णय लिया है। आईसीडी कियालरायपुर को बंद करने के एक हिस्से के रूप में, ग्रुप ने आईसीडी किला रायपुर के मेन गेट से अपना साइनेज हटा दिया है और अपने कर्मचारियों, मजदूरों और अन्य सभी संबंधित लोगों को टर्मिनेशन नोटिस जारी कर दिया है।

आईसीडी किलारायपुर में व्यावसायिक गतिविधियों के बंद होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 400 व्यक्तियों/परिवारों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। रेल ढुलाई, जीएसटी, सीमा शुल्क और अन्य करों के रूप में 700 करोड़ रुपये और कुल आर्थिक असर के रूप में लगभग 7000 करोड़ रुपये का सरकारी खजाने को भी नुकसान होने का अनुमान है।

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