अपने अधिकारों की बहाली के लिए 10 वर्षों से संघर्ष पथ पर राज्य के 7 हज़ार कंप्यूटर अध्यापक, 26 जनवरी

Edited By Vicky Sharma,Updated: 08 Jan, 2021 07:08 PM

7 thousand computer teachers of the state will celebrate fury day on january 26

लुधियाना (विक्की) : राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में काम कर रहे कर्मचारी अपनी सेवाओं को रेगुलर करवाने के लिए हम अक्सर संघर्ष करते देखते हैं परन्तु पंजाब में एक ऐसा कर्मचारी वर्ग भी है जिस को राज्य सरकार ने 10 साल पहले रेगुलर तो कर दिए परन्तु उनके...

लुधियाना (विक्की) : राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में काम कर रहे कर्मचारी अपनी सेवाओं को रेगुलर करवाने के लिए हम अक्सर संघर्ष करते देखते हैं परन्तु पंजाब में एक ऐसा कर्मचारी वर्ग भी है जिस को राज्य सरकार ने 10 साल पहले रेगुलर तो कर दिए परन्तु उनके रेगुलर कर्मचारियों वाले अधिकार अभी तक बहाल नहीं हुए। यह राज्य के लगभग 7000 कंप्यूटर अध्यापक हैं जो विभिन्न सरकारी स्कूलों में अपनी, सेवाए निभाने साथ साथ पिछले 10 सालों से अपने जायज़ हक़ों के लिए संघर्ष के रास्ता पर हैं।

नहीं मिलती मेडीकल सुविधा

पिछले लंबे समय से कंप्यूटर अध्यापकों के अधिकारों की प्राप्ति के लिए प्रयासरत कंप्यूटर अध्यापक कमेटी के प्रांतीय अध्यक्ष परमवीर सिंह पंमी ने बताया कि 1 जुलाई 2011 से उन की सेवाओं को रेगुलर कर दिया गया था, परन्तु इस को त्रासदी ही कहा जाएगा अभी तक उन को मेडीकल रीइंबर्समेंट जैसी ज़रूरी सुविधा से वंचित रखा गया है। इतना ही नहीं विभिन्न जिलों में कई कंप्यूटर अध्यापकों की सेवा काल के दौरान मौत भी हो चुकी है, इन कंप्यूटर अध्यापकों के आश्रितों की कभी किसी ने सार नहीं के ली।पंमी ने बताया कि आज उनके परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। जो कि निंदनीय है और इस की जितनी निंदा की जाए कम है।

लाल फीतों में उलझी आई आर वाली फाईल

कम्प्यूटर अध्यापक कमेटी के राज्य महा-सचिव जॉनी सिंगला ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य के सभी रेगुलर कर्मचारियों को दिसंबर 2016 में अंतरिम राहत (आई आर) देने का फ़ैसला किया गया था। परन्तु सिर्फ़ कंप्यूटर अध्यापकों को ही इस अधिकार से वंचित रखा गया है। जॉनी ने बताया कि उनके द्वारा न जाने कितनी बार राज्य शिक्षा और फाइनांस विभाग के आधिकारियों से इस के सम्बन्ध में मीटिंग की जा चुकी है परन्तु आई आर वाली फाई सरकारी कार्यालयों के बार बार चक्कर काट रही है और बार बार फाइनांस विभाग द्वारा नए से नया ऑब्जेक्शन लगा कर फाइल को वापस भेज दिया जाता है जो कि आधिकारियों द्वारा कंप्यूटर अध्यापकों से किए जा रहे सौतेले व्यवहार का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

26 जनवरी को मनाया जाएगा रोश दिवस

परमवीर सिंह पंमी ने जानकारी देते हुए बताया कि वह पिछले 10 वर्षों से अपने जायज़ अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं परन्तु पिछली 3 सरकारों ने उनको झूठे वायदों के अलावा कुछ भी नहीं दिया। जिस कारण कंप्यूटर अध्यापकों में व्यापक रोश पाया जा रहा है। पंमी ने कहा कि 26 जनवरी को राज्य के सभी कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा रोश दिवस मनाया जाएगा, उन्होंने बताया कि 30 जनवरी को ज़िला वाइज संघर्ष की रूप रेखा जारी की जाएगी जिस अनुसार ज़िला वाइज रोश प्रदर्शन करते हुए विभिन्न आधिकारियों को माँग पत्र दिए जाएंगे और यदि फिर भी उन की माँगों को न माना गया तो शिक्षा मंत्री के हलक़े में बड़ी रोश रैली का आयोजन किया जाएगा जिस में राज्य भर के कंप्यूटर अध्यापक अपने परिवारों सहित भाग लेते हुए अपने अधिकारों के लिए आवाज़ बुलंद करेंगे।

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